बस्ती। कार्यपालिका द्वारा न्यायपालिका (अपीलीय अधिकारी) की स्वतंत्रता एवं न्यायिक अनुशासन में किए जा रहे अनधिकृत हस्तक्षेप एवं अतिक्रमण के विरुद्ध कर अधिवक्ताओं ने आज मौन प्रर्दशन किया। राज्य कर विभाग बस्ती में उत्तर प्रदेश टैक्स बार एसोसिएशन के द्वारा गठित निष्पक्ष न्याय अभियान समिति के आह्वान पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। स्थानीय राज्य कर कार्यालय स्थित अधिवक्ता कक्ष में यूपीटीबीए के पदाधिकारी एवं सदस्य एकत्रित हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य कार्यपालिका द्वारा न्यायपालिका (अपीलीय अधिकारी) की स्वतंत्रता एवं न्यायिक अनुशासन में किए जा रहे अनधिकृत हस्तक्षेप एवं अतिक्रमण के विरुद्ध एकजुटता प्रदर्शित करना था।
अधिवक्ताओं ने कहा कि विशेष चिंता का विषय यह है कि कार्यपालिका द्वारा न्यायिक प्रक्रिया में बढ़ता हुआ हस्तक्षेप न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को खतरे में डाल रहा है। विशेष रूप से, अपीलीय अधिकारियों पर अपीलों को फास्ट ट्रैक मोड (खटाखट) पर निपटाने का दबाव डाला जा रहा है, जिसमें उचित सुनवाई का अवसर प्रदान किए बिना निर्णय लेने की मांग की जा रही है। इससे भी अधिक चिंताजनक यह है कि अपीलीय अधिकारियों पर राजस्व के पक्ष में निर्णय देने का दबाव बनाया जा रहा है, जो न्यायिक निष्पक्षता के मूल सिद्धांत का उल्लंघन है। यूपीटीबीए इस प्रवृत्ति को न्यायपालिका की स्वतंत्रता और कानून के शासन के लिए गंभीर खतरा मानता है। बैठक में निष्पक्ष न्याय अभियान में बस्ती, खलीलाबाद एवं सिद्धार्थनगर के समस्त अधिवक्ता द्वारा जारी पत्र को पढ़ा गया। उपस्थित अधिवक्ताओं ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता की रक्षा हेतु एकजुट होने का संकल्प लिया। निष्पक्ष न्याय अभियान समिति के प्रयासों की सभी ने सराहना की।
बैठक के उपरांत बस्ती टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शशांक सोनी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनमोहन श्रीवास्तव काजू, महामंत्री सूर्यनारायण और कार्यकारिणी सदस्य रिपुंजय सहाय के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने एक शांति मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने अपनी बाँह पर काला बैंड एवं मुंह पर सफेद पट्टी बाँधकर अपना विरोध प्रकट किया। मार्च अपीलीय अधिकारी के कार्यालय तक पहुंचा जहाँ एडिशनल कमिश्नर ग्रेड 2 (अपील) को विरोध पत्र सौंपा गया। इस दौरान विरोध स्वरूप दो मिनट का मौन भी रखा गया।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में संत कबीर नगर टैक्स बार के अध्यक्ष सरवन अग्रहरि, पतंजलि अग्रहरी, दिग्विजय शुक्ल, राजेश श्रीवास्तव, राजेंद्र गुप्ता, नन्द लाल, शशांक सोनी, कैलाश मोहन , आनद राठौर, अंकुर, आनंद प्रताप, मनीष शंकर, रितेश, मर्तेंदु सिंह, राकेश गुप्ता, अनूप श्रीवास्तव, अतुल श्रीवास्तव, नंद लाल अग्रवाल,सहित कई प्रमुख अधिवक्ता उपस्थित रहे।
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