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Sunday, September 8, 2024

आवास विकास में हर वक्त मिलेगा पानी तो रुधौली में भी जल्द जलापूर्ति

- शासन से मिली दोनों परियोजनाओं को मंजूरी, शुरू हुई टेंडर की प्रक्रिया

- पायलट प्रोजक्ट के तहत शहर की सबसे बड़ी कॉलोनी में मिलेगी दिन रात पेयजल की सुविधा 

बस्ती। शहर की सबसे बड़ी कॉलोनी और वार्ड आवास विकास में अब 24 घंटे पेयजल आपूर्ति की योजना को मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही रुधौली नगर पंचायत में भी पेयजल परियोजना को गति मिल जाएगी। कारण यह है कि यहां लंबे समय से अधर में लटकी टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और परियोजना अब धरातल पर उतर जाएगी। 



- पॉयलट प्रोजक्ट से आवास विकास कॉलोनी में मिलेगा पेयजल

आवास विकास कॉलोनी के 1624 घरों के तकरीबन आठ हजार नागरिकों को आठ घंटे की जगह दिन-रात 24 घंटे पेयजल आपूर्ति की योजना नगरीय जलनिगम ने बनाई है। योजना के तहत लगभग सात करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। नगरीय जलनिगम ने अमृत योजना फेज टू में पायलट प्रोजक्ट के तहत शहर के आवास विकास वार्ड को चुना है। जहां 24 घंटे जलापूर्ति की व्यवस्था करनी है। इसके लिए साल भर पहले तत्कालीन अधिशासी अभियंता रेहान फारुकी व सहायक अभियंता ओपी चौधरी की टीम ने प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय के जरिए शासन को भेजा था। जिसे शासन ने जनवरी में ही स्वीकृति दे दिया था और टेंडर प्रक्रिया चालू करने का निर्देश दिया था। इसी बीच चुनाव आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। अब चूंकि चुनाव संपन्न हो चुका है और शासन ने इस पर मंजूरी भी दे दिया है। इसके लिए जलनिगम मुख्यालय स्तर से टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। उम्मीद जताई जा रही है कि बहुत जल्द ही काम चालू हो जाएगा। 

- आवास विकास में परियोजना के तहत यह होने हैं कार्य

नगरीय जलनिगम के सहायक अभियंता रवीश अग्निहोत्री व अवर अभियंता विवेक मौर्या के अनुसार हर घरों में बैटरी वाले मीटर लगाए जाएंगे ताकि बिजली न रहने पर भी वह सक्रिय रहें। इससे पूरे वार्ड के सभी घरों में खर्च किए जाने वाले पेयजल की जानकारी भी आटोमेटिकली मिलती रहेगी। पानी के रिसाव और बहाव पर एक ही जगह से निगरानी हो सकेगी। बताया कि वार्ड में पहले से सात सौ किलोलीटर का वाटर हेड टैंक है, बावजूद इसके एक नलकूप व एक हजार किलोलीटर पेयजल टंकी का और इंतजाम किया जाएगा। 

- ठेकेदारों की बेरुखी से ठप पड़ी थी रुधौली की पेयजल परियोजना

रुधौली नगर पंचायत की तकरीबन 20 हजार की आबादी को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की परियोजना ठेकेदारों की बेरुखी के कारण ठप पड़ गई थी। जबकि नगरीय जलनिगम की टीम ने 33 करोड़ 64 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार कर शासन से मंजूरी ले लिया था और जनवरी 2024 में ही टेंडर की प्रक्रिया भी चालू करवा दिया था। टेंडर प्रक्रिया में सिर्फ दो ही ठेकेदारों के हिस्सा लेने कारण पूरी तैयारी पर पानी फिर गया। इधर जब तक जलनिगम दोबारा टेंडर निकालकर निविदा आमंत्रित करता, तब तक लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका था। लिहाजा पूरी परियोजना ही ठप पड़ गई थी। इधर जब दोबारा टेंडर निकाला गया तो कई ठेकेदारों ने हिस्सा लिया और टेंडर फाइनल भी हो गया। इससे जल्द ही परियोजना धरातल पर दिखने लगेगी।

- दस साल से एक ही टैंक से रुधौली में मिल रहा पानी

दस साल पहले 2014 में जिले के रुधौली कस्बे के आसपास के तकरीबन दो दर्जन राजस्व गांवों को मिलाकर नई नगर पंचायत का गठन किया गया। यहां अभी तक ग्रामीण पेयजल योजना के तहत 900 किलोलीटर की क्षमता के वाटर हेड टैंक की मदद से सिर्फ कस्बे में जलापूर्ति की जा रही है, जो आए दिन बाधित होती है। जबकि यहां के नागरिक वाटर और हाउस टैक्स दोनों का भुगतान कर रहे हैं। वहीं अन्य शामिल राजस्व गांवों में अभी तक इंडिया मार्क हैंडपंप व देसी नल ही सहारा बने हुए हैं।

- परियोजना में इन कार्यों को किया गया है शामिल

जल निगम नगरीय के सहायक अभियंता रवीश अग्निहोत्री व विवेक मौर्य के अनुसार 750, 600 और 350 लीटर के तीन और वाटर हेड टैंक बनाए जाएंगे। साथ ही आधा दर्जन ट्यूबवेल का भी निर्माण किया जाएगा। दूसरी तरफ 6 ट्यूबवेल और 101.304 किमी पाइपलाइन बिछाई जाएगी। ताकि प्रति व्यक्ति प्रतिदिन औसतन 135 लीटर जलापूर्ति का इंतजाम किया जा सके।

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