बस्ती। जनपद न्यायाधीश कुलदीप सक्सेना के मार्गदर्शन एवं अपर जिला जज/सचिव अनिल कुमार के निर्देशानुसार जिला कारागार बस्ती में निरूद्ध बंदियों को विधिक सहायता एवं परामर्श के संबंध में जानकारी दी गई। न्यायालय द्वारा जमानत स्वीकार किए जाने के पश्चात जमानतदार प्रस्तुत न किए जाने के कारण रिहा न होने वाले बंदियों के संबंध में उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि के संबंध में पूछताछ करके उनकी सामाजिक आर्थिक रिपोर्ट तैयार की गई। जिला कारागार बस्ती में स्थापित लीगल एंड क्लिनिक के माध्यम से जानकारी दी गई। ऐसे बंदी जो निजी अधिवक्ता नियुक्त करने में अक्षम है उन्हें निशुल्क विधिक सहायता के तहत जमानत आवेदन प्रस्तुत करने तथा विचारण के स्तर पर निःशुल्क पैरवी भी की जाएगी। न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध बंदी जिनकी अपील प्रस्तुत नहीं की गई उनकी अपील उच्च न्यायालय को प्रस्तुत की जाएगी। सत्र न्यायालय द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र अस्वीकार किए जाने की दशा में उनके जमानतदार प्रार्थना पत्र उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति को संदर्भित किया जाएगा। जमानदर के अभाव में रिहाई कराने हेतु जिन अभियुक्तों की सामाजिक आख्या रिपोर्ट तैयार की गई उनमें मनोज राणा, कुलदीप वर्मा , अजीज, जसपाल वर्मा अमरजीत सिंह, सुनील चौधरी शामिल है। इस अवसर पर डिप्टी जेलर रोशन आरा, डिप्टी चीफ लीगल एन्ड काउंसलिंग शैलजा कुमार पांडे, सुश्री दीप्ती पाण्डेय उपस्थित रहीं।
Friday, August 9, 2024

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बन्दियों को दी निःशुल्क परामर्श एवं सहायता
बस्ती। जनपद न्यायाधीश कुलदीप सक्सेना के मार्गदर्शन एवं अपर जिला जज/सचिव अनिल कुमार के निर्देशानुसार जिला कारागार बस्ती में निरूद्ध बंदियों को विधिक सहायता एवं परामर्श के संबंध में जानकारी दी गई। न्यायालय द्वारा जमानत स्वीकार किए जाने के पश्चात जमानतदार प्रस्तुत न किए जाने के कारण रिहा न होने वाले बंदियों के संबंध में उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि के संबंध में पूछताछ करके उनकी सामाजिक आर्थिक रिपोर्ट तैयार की गई। जिला कारागार बस्ती में स्थापित लीगल एंड क्लिनिक के माध्यम से जानकारी दी गई। ऐसे बंदी जो निजी अधिवक्ता नियुक्त करने में अक्षम है उन्हें निशुल्क विधिक सहायता के तहत जमानत आवेदन प्रस्तुत करने तथा विचारण के स्तर पर निःशुल्क पैरवी भी की जाएगी। न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध बंदी जिनकी अपील प्रस्तुत नहीं की गई उनकी अपील उच्च न्यायालय को प्रस्तुत की जाएगी। सत्र न्यायालय द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र अस्वीकार किए जाने की दशा में उनके जमानतदार प्रार्थना पत्र उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति को संदर्भित किया जाएगा। जमानदर के अभाव में रिहाई कराने हेतु जिन अभियुक्तों की सामाजिक आख्या रिपोर्ट तैयार की गई उनमें मनोज राणा, कुलदीप वर्मा , अजीज, जसपाल वर्मा अमरजीत सिंह, सुनील चौधरी शामिल है। इस अवसर पर डिप्टी जेलर रोशन आरा, डिप्टी चीफ लीगल एन्ड काउंसलिंग शैलजा कुमार पांडे, सुश्री दीप्ती पाण्डेय उपस्थित रहीं।
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