गोरखपुर। हुसैन या अब्बास की सदाओं के साथ गमगीन माहौल में सक्काए सकीना का मातमी जुलूस निकाला गया। रविवार को ऑल इंडिया शिया कांफ्रेंस के जिलाध्यक्ष सैयद वसी अख्तर रिजवी के जाफरा बाजार स्थित आवास से मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की याद में दुलदुल और अलम का जुलूस निकाला।
इस अवसर पर पहले एक मजलिस का आयोजन किया गया। इसकी शुरुआत सैयद वसी अख्तर रिजवी, शकील अख्तर रिजवी और जीमल अख्तर रिजवी ने मर्सिया पढ़कर की। इसके बाद मोहम्मद अख्तर शाजान, अली अख्तर कामरा, अबान, इंजीनियर कैसर अब्बास रिजवी व अली मिर्जा ने अपना कलाम पढ़े। उसके बाद मौलाना शबीहुल हसन ने वाकया कर्बला एवं हजरत अब्बास के अलम एवं इमाम हुसैन के घोड़े दुलदुल पर रोशनी डाली।
उसके बाद हजरत इमाम हुसैन की सवारी जुलजनाह व हजरत अब्बास के परचम का जुलूस निकला। जिसमें गुलजारे अब्बासिया बनारस और अंजुमन हुसैनिया गोरखपुर के लोगों ने नौहा खानी व सीनाजनी की। इसके बाद अंजुमन हुसैनिया के सदस्यों ने जंजीरों से मातम किया। जुलूस शाम में जाफरा बाजार स्थित इमामबाड़ा सैयद अली मरहूम में पहुंचकर समाप्त हुआ। इस दौरान सैयद शकील अख्तर रिजवी की नौका ख्वानी ने माहौल को और गमगीन बना दिया।
गाजीपुर से तशरीफ लाए अदनान और बनारस से आये अजीम अख्तर, फहीम अख्तर, लखनऊ के अली आलम, शायान अली ने अपने कलाम पढ़े।
इस मौके पर मुख्य रूप से सिब्ते हसन, साबिर हुसैन ,शकील रिजवी, अलमदार अहमद रिजवी, एजाज, अली अब्बास रिजवी, आगा मेंहदी आदि लोगों ने जुलूस को परंपरागत ढंग से संपन्न कराने में सहभागिता निभाई।
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