- लॉकडाउन के कारण हुआ विलंब, जल्द पूरा होगा मिशन
- जल जीवन मिशन के 93 फीसदी पूरे हो चुके हैं कार्य
- दिसंबर 2024 तक तीनों कंपनियों को पूरे करने के दिए गए हैं लक्ष्य
- 858 लक्ष्य की जगह हो चुकी 835 बोरिंग
- 8370 किमी के सापेक्ष 7335 किमी बिछ गई है पाइपलाइन
- 2 लाख 79 हजार 906 लक्ष्य की जगह 2 लाख 32 हजार 959 जगह लग चुकीं टोटियां
बस्ती। जिले में 810 राजस्व गांवों में पेयजल आपूर्ति शुरू हो गई है। साथ ही वाटर हेड टैंकों के निर्माण में तेजी आ गई है। इसे देखकर व इंजीनियरों के दावों से उम्मीद जताई जा रही है कि दिसंबर तक पूरे जिले के चिन्हित गांवों में जल जीवन मिशन पूरा हो जाएगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की यह महत्वाकांक्षी परियोजना धरातल पर उतर जाएगी।
कोरोना लॉकडाउन में देरी के कारण वर्ष 2022 में शुरू हुई जल जीवन मिशन योजना अपने निर्णायक दौर में पहुंच चुकी है। शासन ने टेंडर के जरिए इस परियोजना को पूरा करने के लिए मेघा, जैक्सन व बीएसए जैसी तीन नामी-गिरामी कंपिनयों को जिम्मेदारी सौंपी है। इन कंपनियों को जिले में कुल 858 बोरिंग व 855 टैंक का निर्माण करना है साथ ही 8370 किमी पाइपलाइन बिछा कर 2 लाख 79 हजार 906 कनेक्शन उपलब्ध कराने हैं। बावजूद इसके टैंकों के निर्माण अधूरे होने से जलापूर्ति नहीं हो पा रही थी। अधिशासी अभियंता
- इन गांवों में शुरू हुई जलापूर्ति
ग्रामीण जल निगम के एक्सईएन व प्रभारी एसई जनार्दन सिंह के अनुसार परसरामपुर ब्लॉक के रघुनाथपुर, सलेमपुर कुंवर, उजानी, ढेलापुर, परवारपारा, नेदुला व मुकुंदपुर, विक्रमजोत ब्लॉक के मल्हेनी, बहादुरपुर के भेलवल व दयालपुर, दुबौलिया के भरकुहवा, हर्रैया के भिरवा और सल्टौआ के मुस्तफाबाद समेत 810 गांवों में पेयजल परियोजना पूरी हो चुकी है। यहां नियमित जलापूर्ति की जा रही है।
- इन तीन कंपनियों को मिली है यह जिम्मेदारी
ग्रामीण जल निगम के अधिशासी अभियंता व अधीक्षण अभियंता जनार्दन सिंह के अनुसार कार्यदायी कंपनी बीएसए को 81 ट्यूबवेल, 80 टैंक, 1050 किमी पाइपलाइन बिछाने व 32086 कनेक्शन देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिनमें ट्यूबवेल का कार्य शत-प्रतिशत पूरा हो चुका है और 27 टैंक भी बनकर तैयार हो चुके हैं। वहीं पाइपलाइन का कार्य भी 29952 किमी पूरा हो चुका है। वहीं दूसरी कंपनी मेघा को 677 ट्यूबवेल, 674 टैंक, 6070 किमी पाइपलाइन व 2 लाख 16 हजार 343 किमी पाइपलाइन बिछाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें 659 ट्यूबवेल, 5255 किमी पाइपलाइन व 176857 कनेक्शन का कार्य पूरा हो चुका है। एक्सईएन के अनुसार तीसरी कंपनी जैक्शन को 101 ट्यूबवेल, 100 टैंक, 1247 किमी पाइपलाइन व 31527 कनेक्शन देने का लक्ष्य दिया गया है। जिसमें 99 ट्यूबवेल, 1099 किमी पाइपलाइन व 25946 कनेक्शन दे दिया है। वहीं टैंक का कार्य तुरंत पूरे किए जाने का निर्देश जारी किया गया है।
- लग चुकी है 8 फीसदी पेनॉल्टी
इंजीनियरों के अनुसार टैंक निर्माण में शिथिलता पर मेघा कंपनी पर आठ फीसदी पेनॉल्टी लगाई जा चुकी है और टर्मिनेशन नोटिस भी जारी की जा चुकी है। इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि परियोजना छह माह के भीतर पूरी हो जाएगी और ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल का सपना पूरा हो जाएगा।
- उखड़ी सड़कों को सुधारेंगी कंपनियां
गांवों में बिछाई जाने वाली पाइपलाइन के दौरान जो सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, उनकी मरम्मत कार्यदायी कंपनियां करेंगी। यह उनकी जिम्मेदारी है। उनको दस साल तक रखरखाव व मरम्मत की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। कुछ टैंकों का निर्माण अधूरा है। जिसके लिए कंपनियों को तुरंत पूरा करने का निर्देश जारी किया गया है। दिसंबर महीने तक पूरी परियोजना पूर्ण हो जाएगी और ग्रामीण क्षेत्र में शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा दिया जाएगा।
- इं. जनार्दन सिंह, अधीक्षण अभियंता, ग्रामीण जल निगम बस्ती
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