गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने नेचर इंडेक्स रैंकिंग में स्थान प्राप्त करने में सफलता हासिल की है। विश्वविद्यालय ने उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
नेचर इंडेक्स रैंकिंग उच्च गुणवत्ता वाले प्राकृतिक विज्ञान पत्रिकाओं में उनके योगदान के आधार पर संस्थानों को मान्यता देती है। डीडीयू भारत के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में 103वें और विश्वविद्यालयों में 47वें स्थान पर है। विशेष रूप से भौतिक विज्ञान में गोरखपुर विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा संस्थानों में 57वें और विश्वविद्यालयों में 28वें स्थान पर है।
रसायन विज्ञान के क्षेत्र में गोरखपुर विश्वविद्यालय भारत के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में 118वें और विश्वविद्यालयों में 92वें स्थान पर है। प्राकृतिक विज्ञान पत्रिकाओं में अपने प्रकाशनों के लिए डीडीयू सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में 95वें और विश्वविद्यालयों में 45वें स्थान पर है।
राज्य विश्वविद्यालयों में केवल गोरखपुर विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपना स्थान बनाने में सफलता हासिल की है। लखनऊ विश्वविद्यालय भारत के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में 238वें और विश्वविद्यालयों में 172वें स्थान पर है। लखनऊ विश्वविद्यालय रसायन विज्ञान रैंकिंग में स्थान नहीं बना पाया है और भौतिक विज्ञान व प्राकृतिक विज्ञान पत्रिका प्रकाशनों में निचले स्थान पर है।
नेचर इंडेक्स रैंकिंग में गोरखपुर विश्वविद्यालय के वर्तमान योगदान में रसायन विज्ञान के शोध शामिल हैं। इसके साथ ही भौतिकी पत्रिकाओं जैसे कि यूरोपियन फिजिकल जर्नल सी, मंथली नोटिसेस ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटीरू लेटर्स और द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में तीन प्रकाशन हैं। इसके अतिरिक्त, रसायन विज्ञान रैंकिंग में ऑर्गेनिक लेटर्स में एक प्रकाशन शामिल है।
- क्या है नेचर इंडेक्स
नेचर इंडेक्स 82 उच्च गुणवत्ता वाली विज्ञान पत्रिकाओं के स्वतंत्र रूप से चयनित समूह में प्रकाशित शोध लेखों से एकत्रित लेखक संबद्धता जानकारी का एक डेटाबेस है। डेटाबेस नेचर रिसर्च द्वारा संकलित किया गया है। नेचर इंडेक्स संस्थागत, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाले शोध आउटपुट और सहयोग का लगभग वास्तविक समय प्रॉक्सी प्रदान करता है। प्रदेश में कुल 19 राज्य विश्वविद्यालय हैं जिसमें से गोरखपुर और लखनऊ विश्वविद्यालय ने ही इसमें जगह बनाई है।
- कोट...
यह उपलब्धि हमारे शिक्षकों, शोधकर्ताओं और छात्रों के असाधारण कार्य का प्रमाण है। हम इन मान्यताओं से सम्मानित हैं और अपने शैक्षणिक व शोध प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
- प्रो. पूनम टंडन, कुलपति
No comments:
Post a Comment