- नगर पंचायत रुधौली में स्थापित होना था मल कीचड़ उपचार संयंत्र
- नगरीय जलनिगम ने शासन को डेढ़ साल पहले भेजा था दो करोड़ रुपये का प्रस्ताव
- लोगों को गंदगी से मिलती निजात, यह जिले का दूसरा होता एफएसटीपी
बस्ती। शहर के कुआनो नदी किनारे स्थित अमहट घाट पर स्थापित हो चुके एफएसटीपी (फेकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट) मल कीचड़ उपचार संयंत्र के बाद जिले के रुधौली नगर पंचायत में दूसरा एफएसटीपी भी स्थापित होने जा रहा था। इसके लिए नगरीय जलनिगम के अभियंताओं ने डेढ़ साल पहले जनवरी 2023 में तकरीबन दो करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेज दिया था। इससे इस नगर पंचायत के लोगों को भी गंदगी से निजात मिल जाती और एफएसटीपी की सुविधा मिलने लगती। शासन में गई यह फाइल धूल फांक रही है और परियोजना जहां की तहां लटकी पड़ी है।
अभी तक नगर निकायों में पुराने संसाधनों के जरिए निजी व सार्वजनिक शौचालयों से मल कीचड़ निकाल कर शहर व कस्बों से दूर खाली जगहों व नदियों के किनारे निस्तारित किया जाता है। इससे जहां वायु प्रदूषण फैलता है, वहीं आसपास के लोग बीमार भी हो जाते हैं। मंडल मुख्यालय पर नपा प्रशासन के प्रस्ताव पर नगरीय जलनिगम के जरिए एफएसटीपी स्थापित हो चुका है। वहीं रुधौली नगर पंचायत के प्रस्ताव पर नगरीय जलनिगम ने एक और एफएसटीपी की स्थापना के लिए तकरीबन दो करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था। यह जिले का दूसरा एफएसटीपी साबित होता। नगरीय जलनिगम के अभियंताओं के अनुसार यह प्लांट भी जिला मुख्यालय के एफएसटीपी की तर्ज पर बनना था। सिर्फ जमीन का रकबा व सोलर पैनल की संख्या में कुछ कमी होनी थी। जिसके कारण लागत भी आधी हो गई थी। जिससे रुधौली नगर पंचायत की लगभग 23 हजार की आबादी इसका लाभ आसानी से उठा सकती थी। इसके निकले खाद और पानी के सदुपयोग से किसान अपनी फसल भी लहलहा सकते थे। बावजूद इसके पूरी परियोजना ही लापता हो चुकी है।
शासन-प्रशासन के निर्देश का किया जा रहा इंतजार
इस संबंध में बस्ती-सिद्धार्थनगर के नगरीय जलनिगम के अधिशासी अभियंता रेहान फारुकी ने बताया कि रुधौली में एफएसटीपी की स्थापना के लिए आंगणन मुख्यालय के जरिए शासन को भेजा गया था। आगे शासन-प्रशासन से जैसा दिशा निर्देश मिलेगा, वैसा किया जाएगा।
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