बस्ती। रेलवे स्टेशन से चीनी मिल स्थित श्याम नगर कालोनी तक जाने वाली सड़क के किनारे चिकवा टोला वार्ड के चाईपुरवा मोहल्ले में इन दिनों बरसात से जलजमाव है। जिससे यहां के लोग एक बार फिर दहशत में आ गए हैं। कारण यह है कि लगभग 15 साल पहले 2009 में यहां तीन घरों के सात लोगों ने हफ्ते भर के अंदर जल जनित संक्रामक रोग की चपेट में आने से दम तोड़ दिया था।
नागरिकों ने जिला प्रशासन से इस समस्या के निदान की मांग की है। चिकवा टोला के चाईपुरवा मोहल्ले की लगभग 700 की आबादी लंबे समय से जलजमाव की समस्या झेल रही है। इसके लिए नगर पालिका ने पहले नाली बनाया। जिसे बाद में रेलवे ने अपना स्वामित्व बता कर बंद कर दिया और अपनी जमीन का हवाला देकर नाली निर्माण शुरू किया। बाद में वह भी ठप हो गया। बाद में फिर जब इस पर नगर पालिका का स्वामित्व बना तो भी इसका स्थायी निदान नहीं हो सका। इसका नतीजा यह हुआ कि आधी नाली बनवा कर पालिका ने न तो जल निकासी की व्यवस्था बनाई और न ही निर्माण पूरा किया। स्थिति जस की तस बनी हुई है। इधर चार दिन की बरसात में लोग जलभराव के चलते घरों में जहां कैद हो गए, वहीं गंदे पानी के जमाव से संक्रामक रोगों के फैलने का डर बना हुआ। अशोक अग्रवाल, दीपक, शिवकुमार श्रीवास्तव, वीरेंद्र निषाद व सदानंद ओझा आदि नागरिकों ने बताया कि हमारे घरों के सामने जलजमाव के लिए रेलवे जिम्मेदार है। जिला प्रशासन ने सीधे तौर पर इसे नगर पालिका क्षेत्र में घोषित कर दिया है तो मानवता के तौर पर नगर पालिका को नाला निर्माण करवा देना दाहिए। बताया कि वर्ष 2009 में हमारे मोहल्ले में भीषण जलजमाव के कारण तीन घरों से सात लोग संक्रामक रोग की चपेट में आ गए थे और अंततः उनकी जानें चली गई थीं। अब डर रहता है कि हम कहीं फिर न संक्रामक बीमारियों के शिकार न हो जाएं।
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