- आरटीओ ने चिकित्सकों को नामित करने के लिए एआरटीओ को दिया था निर्देश
- अभी तक डॉक्टर की तैनाती नहीं कर सका स्वास्थ्य विभाग, अभी भी फर्जी मेडिकल के जरिए हो रहा डीएल का नवीनीकरण
बस्ती। आईटीआई परिसर स्थित एआरटीओ आफिस में अभी भी ड्राइविंग लाइसेंस का रिन्युवल बिना अधिकृत चिकित्सक की ओर से जारी प्रमाणपत्र से हो रहा है। जबकि यहां चिकित्सक का पैनल नामित करने के लिए आरटीओ ने एआरटीओ को निर्देश भी दिया था।
आरटीओ ऑफिस में डीएल के नवीनीकरण के लिए आज तक किसी चिकित्सक को अधिकृत न किए जाने पर दलाल फर्जी मेडिकल बनवाकर रिन्यूवल करवा रहे हैं और धन की उगाही कर रहे हैं। वहीं बिना पैसा दिए अगर किसी ने डीएल बनवाने की उम्मीद करता है तो फिर उसका डीएल नया नहीं हो पाएगा।
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए एआरटीओ दफ्तर में दलालों का बहुत बड़ा नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय है। जिसमें ऑफिस के बाबू से लेकर दलालों की संलिप्ता रहती है। सबसे अधिक उस समय परेशानी हो जाती है जब 40 साल की उम्र पूरी करने के बाद कोई डीएल का नवीनीकरण करवाता है तो उसके साथ खुले आम खेल होता है। आवेदकों ने मौके पर शिकायत किया था कि मेडिकल के बहाने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाता है। जबकि बाहर ऐसे किसी चिकित्सक को आज तक विभाग ने नहीं अधिकृत किया है, जिसका स्वास्थ्यता प्रमाणपत्र डीएल के नवीनीकरण में लगाया जा सके। मजबूर होकर वह आफिस के बाबू से संपर्क करता है तो उसे दलाल से संपर्क साधने की बात कही जाती है। यह दलाल बाबू की मिलीभगत से फर्जी मेडिकल लगाकर अपलोड कर देते हैं और इसकी एवज में भारी-भरकम रकम की वसूली भी की जाती है।
लगभग तीन महीने पहले जब यह शिकायत आरटीओ प्रशासन फरीदुद्दीन तक पहुंची तो उन्होंने एआरटीओ पंकज सिंह को प्रकरण की जांच करने का निर्देश दिया था और सीएमओ को पत्र भेज कर डीएल के नवीनीकरण के लिए चिकित्सकों का पैनल नामित करवाने को कहा था। एआरटीओ ने प्रकरण की जांच शुरू की और खानापूर्ति कर ठंडे बस्ते में डाल दिया। जिससे अभी भी आईटीआई परिसर स्थित डीटीआई में डीएल के लिये फर्जी चिकित्सीय प्रमाण पत्र का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है।
प्रकरण की हो रहीं जांच, नामित होंगे चिकित्सक
डीएल के नवीनीकरण में फर्जी मेडिकल के प्रकरण की जांच के लिए एआरटीओ को निर्देश दिया गया है। साथ ही उन्हें सीएमओ को पत्र भेज कर चिकित्सकों के पैनल को नामित करने को कहा गया है। इधर आदर्श चुनाव आचार संहिता के कारण अगर चिकित्सक नहीं तैनात हो पाया। अब अगर इसमें लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- फरीदुद्दीन, आरटीओ प्रशासन, बस्ती संभाग
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