नई दिल्ली। भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से रोका गया है। बारिश के खत्म होने के बाद ही यात्रा फिर से शुरू होगी। बालटाल और पहलगाम मार्गों पर रुक-रुक कर भारी बारिश के कारण यह फैसला लिया गया है। वहीं, श्री अमरनाथ यात्रा को लेकर देशभर से आ रहे श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है। बाबा बर्फानी के दरबार में पहुंचने को श्रद्धालु बेचौन नजर आ रहे हैं। बीते शुक्रवार तक 21686 श्रद्धालु पवित्र हिमलिंग के दर्शन किए हैं। ये आकड़ा सात दिनों में 151942 तक पहुंच चुका है। हालांकि अभी तक श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है। वही आधार शिविर भगवती नगर जम्मू से वाहनों के निकलने का सिलसिला जारी है। करीब 259 छोटे बड़े वाहनों में 6919 श्रद्धालुओं का जत्था कश्मीर की ओर रवाना हो चुका है।
- एक सप्ताह में हिम शिवलिंग पिघलने लगा है
जलवायु परिवर्तन का असर कश्मीर पर देखने को मिल रहा है। दक्षिण कश्मीर में समुद्रतल से करीब 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हिम शिवलिंग पर भी मौसम का प्रभाव देखा गया है। अमरनाथ यात्रा के आरंभ होने के एक सप्ताह में हिम शिवलिंग पिघलने लगा है। हिंम पिघलने की वजह यहां के आसपास तापमान में लगातार हो रही बढ़ोतरी है। बताया जा रहा है कि श्रद्धालुओं की बढ़ती जनसंख्या, पवित्र गुफा के आसपास मानवीय गतिविधियों में वृद्धि इसकी बड़ी वजह है। अध्ययन में सामने आया है कि हर श्रद्धालु पवित्र गुफा में करीब 100 वाट ऊर्जा उत्सर्जित कर रहा है। इतिहासकारों का कहना है कि यह तीर्थयात्रा ईसा पूर्व एक हजार वर्ष पहले से जारी है। यह तीर्थयात्रा श्रावण माह में शुरू होकर श्रावण पूर्णिमा के दिन संपन्न हो जाती है।
- तीर्थयात्रा की समयावधि को बढ़ाया गया है
कुछ वर्षों से इस तीर्थयात्रा की समयावधि को बढ़ाया गया है। इसे श्रावण माह से करीब 20-25 दिन पहले शुरू किया गया है। ऐसा कहा जाता है कि पवित्र गुफा में भगवान शंकर, मां पार्वती, भगवान गणेश समेत संपूर्ण शिव परिवार हिमलिंग स्वरूप में विराजमान हैं। भगवान शंकर का प्रतीक पवित्र हिमलिंग आकार में काफी विशाल होता हैं। इसकी ऊंचाई 10 फीट से भी अधिक होती है।
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