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Saturday, July 20, 2024

संचार क्रान्ति के समक्ष विश्वसनीयता का संकट : कलम न होती तो दुनियां में कोई आन्दोलन न होता

- दैनिक भारतीय बस्ती के स्थापना दिवस पर ‘संचार क्रान्ति के समय में पत्रकारिता’ में व्यापक विमर्श

बस्ती। दैनिक भारतीय बस्ती के 46वें स्थापना दिवस पर शनिवार को प्रेस क्लब सभागार में ‘संचार क्रान्ति के समय में पत्रकारिता’ विषयक संगोष्ठी में व्यापक विमर्श के साथ ही पत्रकार हरिश्चन्द्र अग्रवाल स्मृति सम्मान से राजेन्द्रनाथ तिवारी, डा. वी.के. वर्मा, कुलवेन्द्र सिंह, जिशान हैदर रिजवी, प्रमोद ओझा, गौहर अली को पत्रकारिता एवं समाज सेवा और वरिष्ठ छायाकार मो. इब्राहीम की स्मृति में खेल के क्षेत्र में कृष्णा गौड़, मान्या कसौधन और खेल प्रशिक्षक विकास कुमार सोनकर को संजय अग्रवाल, मो. अरशद महमूद की उपस्थिति में सम्मानित किया गया। मैराथन संगोष्ठी में विधान परिषद सदस्य सुभाष यदुवंश, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि अंकुर वर्मा, पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय, दयाराम चौधरी, वरिष्ठ सपा नेता चन्द्रभूषण मिश्र, डा. वी.के. वर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष विवेकानन्द मिश्र, अवधेश त्रिपाठी आदि ने पत्रकारिता के बदलते परिवेश पर समग्र रूप से प्रकाश डाला।
विषय प्रर्वतन करते हुये भारतीय बस्ती के संस्थापक सम्पादक दिनेश चन्द्र पाण्डेय ने कहा कि हमें सच कहने का साहस बनाये रखना होगा, भारतीय बस्ती न किसी से डरा न डराया। अध्यक्षता करते हुये पूर्व सांसद अष्टभुजा प्रसाद शुक्ल ने कहा कि कलम न होती तो दुनियां में कोई आन्दोलन न होता। पत्रकारिता में सृजनात्मक बदलाव के लिये युवा पीढी को आगे आना होगा। वक्ताओं ने कहा कि संचार क्रान्ति के समक्ष सबसे बडा संकट विश्वसनीयता का है। प्रेम कुमार ओझा ने कहा कि गोण्डा में टेªन हादसे के दौरान लोग घायलों को बचाने की जगह वीडियो बना रहे थे, यह नये किस्म की अमानवीय त्रासदी है, इससे उबरना होगा।
‘संचार क्रान्ति के समय में पत्रकारिता’ संगोष्ठी में सुभाष शुक्ल, जगदीश शुक्ल, राम नरेश सिंह ंमजुल, डा. सत्यव्रत द्विवेदी, सत्येन्द्र सिंह भोलू, विनोद उपाध्याय, योगेश शुक्ल, सिद्धेश सिन्हा, वीरेन्द्र पाण्डेय, संध्या दीक्षित, पुनीत दत्त, सुरेन्द्रनाथ द्विवेदी ओझा आदि ने कहा कि समाज जड़ नहीं हो सकता, उसकी गतिशीलता बनी रहेगी। मुद्रित समाचार पत्रों की भूमिका कभी समाप्त नहीं होगी। आभार ज्ञापन सम्पादक दिनेश सिंह और संचालन संयुक्त सम्पादक प्रदीप चन्द्र पाण्डेय ने किया।

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