- नगर पालिका की चूक से पुरानी चारदीवारी के अंदर हुआ था शेल्टर होम का निर्माण
- 12 दिसंबर 2019 को संचालित हुआ था शेल्टर होम
बस्ती। शहर के मिश्रौलिया वार्ड में संचालित हो रहे 75 बेड के शेल्टर होम का संचालन हुए अभी पांच साल भी नहीं पूरे हुए कि अचानक देर रात हुई वर्षबारी के कारण पुरानी चारदीवारी का एक बड़ा हिस्सा भरभराकर धराशायी हो गया। इससे पालिका की बड़ी चूक सामने आई है।
नगर पालिका परिषद ने शहर में आने वाले बाहरी आगंतुकों व निराश्रयों के लिए आसरा देने के मकसद से वर्ष 2018 में एक 75 बेड के आश्रय स्थल के निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया था। तत्कालीन डीएम डॉ. राजशेखर ने इसके लिए कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस यानी कि कांस्ट्रक्शन एंड डिजाइनिंग सर्विस को निर्मित करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। विभागीय अभियंताओं ने साल भर के अंदर दिसंबर 2019 में 1 करोड़ 95 लाख रुपए खर्च कर भवन तैयार कर दिया और अंततः 12 दिसंबर 2019 को तत्कालीन डीएम आशुतोष निरंजन व विधायक दयाराम चौधरी की मौजूदगी में समारोह आयोजित कर नगर पालिका प्रशासन ने नवनिर्मित भवन को डूडा यानी कि जिला नगरीय विकास अभिकरण को संचालित करने के लिए हैंडओवर कर दिया। इसमें सबसे बड़ी चूक यह हो गई कि इस्टीमेट में चारदीवारी का निर्माण नहीं रखा गया और पुरानी चारदीवारी के अंदर शेल्टर होम का निर्माण कर दिया गया। इसकी पोल तब खुली जब तेज बरसात से अचानक चारदीवारी भरभरा कर गिर गई।
- उच्चाधिकारियों को दी गई लिखित सूचना
शेल्टर होम की चारदीवारी गिरने की सूचना डूडा की परियोजना अधिकारी, नगर पालिका के ईओ व अन्य उच्चाधिकारियों की दी गई है। जल्द ही चारदीवारी का निर्माण करवाया जाएगा।
- राम किशोर, आश्रय स्थल संचालक, डूडा, बस्ती
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