- रेलवे क्रॉसिंग के जाम से दशकों से जूझ रही 50 हजार की आबादी
- पुरानी बस्ती की थोक मंडी के पांडेय बाजार रेलवे क्रॉसिंग का हाल
बस्ती। देश को आजाद हुए 75 वर्ष बीत गए लेकिन पुरानी बस्ती क्षेत्र की थोक मंडी पांडेय बाजार रेलवे क्रॉसिंग पर जाम की समस्या से निजात नहीं मिल सकी। इससे तकरीबन 50 हजार की आबादी दिन-रात जाम से जूझने को मजबूर हो रही है।
रेलवे स्टेशन के ठीक 100 मीटर पश्चिम स्थित पांडेय बाजार रेलवे क्रासिंग के गेट नंबर 199 पर सुबह से शाम तक जाम की समस्या बनी रहती है। कारण यह है कि इस रेल मार्ग से सुपरफास्ट एक्सप्रेस व मालगाड़ियों समेत 65 ट्रेन का आवागमन होता है। हर बार यहां स्थापित रेलवे का गेट बंद होता है। लिहाजा बैरियर पर हर आधे घंटे पर वाहनों का लंबा जाम लग जाता है। खासतौर पर सुबह व शाम जब नागरिकों, राहगीरों व बच्चों के स्कूल जाने का समय होता है। इस सघन आबादी में बने इस गेट को ओवरब्रिज में तब्दील करने के लिए कभी भी किसी राजनैतिक अथवा अफसर ने कोई पहल नहीं किया है।
अस्पताल से लेकर फारलेन पर पहुंचना हुआ दुष्कर
इसी रास्ते से पुरानी बस्ती क्षेत्र के पांडेय बाजार, सुर्तीहट्टा, संजय कॉलोनी, मिश्रौलिया, नरहरिया, पठान टोला व निर्मली कुड मोहल्ले के तकरीबन 50 हजार लोग फोरलेन, जिला चिकित्सालय व महिला चिकित्सालय समेत रोडवेज तक आवागमन करते हैं। घंटों जाम से बचने के लिए लोगों को लगभग 8 किमी का लंबा सफर तय करना मजबूरी हो जाता है।
न तो बना अंडर पास और न ही बन सका ओवरब्रिज
नागरिकों व राहगीरों की समस्या को संज्ञान में लेकर रेलवे ने पांच साल पहले 2017 में इस गेट नंबर 199 पर ओवरब्रिज बनाने का निर्णय लिया तो यहां अनधिकृत कब्जा जमाए लोगों ने इसका पुरजोर विरोध किया। लिहाजा रेलवे ने इसी से महज तीन सौ मीटर पश्चिम गेट नंबर 200 पर अंडरपास के लिए सर्वे किया लेकिन पता चला कि यहां तो वाटर लेबल बहुत ही ऊपर है। जिससे अंडरपास में पानी भरने की आशंका पैदा हो गई। इसके कारण रेलवे ने अंडरपास का भी विकल्प समाप्त कर दिया।
अधिकारियों से की जाएगी वार्ता
ओवरब्रिज के लिए पहले तैयारी थी लेकिन अपरिहार्य कारणों से उसे मुख्यालय ने निरस्त कर दिया था। इसके लिए दोबारा अधिकारियों से वार्ता की जाएगी और उसी अनुसार कार्य किया जाएगा।
- सचींद्र बहादुर सिंह, आईओडब्ल्यू, वर्क डिवीजन, एनईआर, बस्ती
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