लखनऊ। राजधानी, नवाबी नगरी या फिर लक्ष्मणनगरी जो भी कहे, जब दो अलग-अलग समुदाय के त्यौहार एक साथ पड़ गये तो इसके बाद भी पूरे शहर के वातावरण में जो गंगा जमुनी तहजीब दिखी, उसकी तारीफ सबने खुले मन से की। सोमवार को मुस्लिम समुदाय का बड़ा पर्व ईद उल अज़हा यानी बकरीद का त्यौहार था, जिसे लेकर मुस्लिम भाईयों और बंधुओं ने शहर के सभी प्रमुख मस्जिदों में जाकर नमाज़ अता की। इस दौरान पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ऐशबाग ईदगाह पहुंचे और वहां पर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली और अन्य मुस्लिम प्रतिनिधियों के साथ मिलकर सभी को त्यौहार की मुबारकबाद की।
बहरहाल, इस बार बेतहाशा गर्मी और कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कहीं पर भी खुले या फिर सड़क पर नमाज़ पढ़ते हुए संभवतरू नहीं देखा गया, ऐसे में पुलिस कमिश्नरेट टीम ने भी राहत की सांस ली। लोगों ने एकदूसरे के घरों पर जाकर सेवईयां खाई और अपने वतन की तरक्की, परिवार के कल्याण और मित्रों के लिये खुदा से दुआयें मांगी। कई मौकों पर यह देखने में आया कि हिन्दू और मुस्लिम भाई लोग एकदूसरे के गले मिलते हुए बधाईयां देते रहे।
इसी क्रम में अगले दिन जेठ माह का आखिरी बड़ा मंगल पर्व भी रहा जिसको लेकर शहर के सभी प्रमुख मंदिरों, चौक- चौराहों, सरकारी कार्यालय परिसरों, सामाजिक व नागरिक संगठनों तथा तमाम कॉलोनियों में भी सभी ने मिलजुलकर भजन, कीर्तन और भव्य भंडारे का आयोजन किया। इसी कड़ी में परिवहन निगम मुख्यालय गेट के बाहर भी रोडवेज कर्मियों के सामूहिक सहयोग से भंडारा हुआ जिसमें पूड़ी कद्दू की सब्जी, हलवा, शर्बत और छोला चावल का वितरण देर शाम तक किया गया।
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