- नगर व गायघाट के नगर पंचायत कार्यालय में फंसा धन का पेंच
- डेढ़-डेढ़ करोड़ से होना है निर्माण, पांच महीने से नहीं मिली तीसरी किश्त
बस्ती। जिले की नगर बाजार व गायघाट नगर पंचायतों के दफ्तरों का निर्माण धनाभाव के कारण ठप पड़ गया है। जबकि दोनों नई नगर पंचायतों के कार्यालय उधार के भवन में संचालित हो रहे हैं।
वर्ष 2020 में जिले में नगर बाजार व गायघाट जैसी नई नगर पंचायतों का गठन किया गया और 2021 में इनके कार्यालयों के निर्माण के लिए शासन ने धन आवंटित कर दिया। कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस यानी कि कांस्ट्रक्शन एंड डिजाइनिंग सर्विस के अभियंताओं की टीम को इनके निर्माण की जिम्मेदारी सौंप दी गई। शासन की ओर से इनके निर्माण के लिए 1 करोड़ 47 लाख 89 हजार रुपए खर्च करने की सीमा निर्धारित की गई। पहली किश्त के रूप में नगर बाजार को 84.73 लाख व गायघाट को 53.47 लाख रुपए जारी कर दिए गए। नगर बाजार के टेमा वार्ड में तत्काल जमीन उपलब्ध हो गई और निर्माण कार्य शुरू हो गया लेकिन गायघाट में जो जमीन मिली वह तालाब के रूप में थी, जहां मिट्टी पटाई में ही तकरीबन 50 लाख का खर्च बढ़ने की आशंका हो गई। नतीजतन दोबारा जमीन मिलने में साल भर बीत गए और काम साल भर बाद सितंबर 2022 में शुरू हो सका। दूसरी तरफ पहली किश्त के रूप में मिली धनराशि दोनों जगहों पर खर्च हो गई। सितंबर 2023 में दूसरी किश्त के रूप में दस-दस लाख रुपए जारी किए गए लेकिन वह धनराशि इतने बड़े प्रोजक्ट के लिए ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई। सीएंडडीएस के परियोजना प्रबंधक ने इन दोनों नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को पांच महीने पहले उपयोगिता प्रमाणपत्र जारी कर धन की मांग किया लेकिन अभी तक न तो दूसरी किश्त मिल सकी और न ही भवनों का निर्माण ही पूरा हो सका। इधर लोकसभा चुनाव के बाद ही जब धन आवंटित होगा, तभी इन कार्यालय भवनों का निर्माण शुरू हो सकेगा।
- कुछ इस तरह बनेंगे कार्यालय
दोनों नगर पंचायतों का निर्माण कार्य देख रहे साइट इंजीनियर जेपी यादव और हसन अरबाब खान के अनुसार नगर पंचायत नगर बाजार में दफ्तर निर्माण का कार्य स्लैब लेबल तक पहुंच गया है। वहीं गायघाट में भी भवन का निर्माण लगभग पूरा होने वाला है। बताया कि दो मंजिला भवन का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें भूतल पर अधिशासी अधिकारी व नगर पंचायत अध्यक्ष के कार्यालय के अलावा अन्य पटलों सें संबंधित कक्षों का निर्माण किया जा रहा है। वहीं प्रथम मंजिल पर सभागार बनाया जा रहा है ताकि बोर्ड की मीटिंग संचालित हो सके।
- तीसरी किश्त मिलते ही पूरा हो जाएगा निर्माण
सीएंडडीएस के परियोजना प्रबंधक अविनाश सिंह ने बताया कि दोनों परियोजनाओं को पूरा करने के लिए तीसरी किश्त के अवशेष धन की मांग की गई है। धन मिलते ही निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।
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