- बस्ती-महुली मार्ग स्थित महसों के शोखापुर में स्थापित है चिलवनिया आईटीआई व बन रहा लैब
- इन दोनों सरकारी संस्थानों तक पहुंचने के लिए सिर्फ पगडंडी का सहारा
बस्ती। जिले में स्थापित राजकीय आईटीआई चिलवनिया व इसी के बगल निर्माणाधीन फोरेंसिक लैब तक का मार्ग इतना जर्जर हो गया है कि कभी भी हादसा हो सकता है। यही नहीं यहां तक पहुंचने के लिए तकरीबन ढाई सौ मीटर की दूरी पगडंडी के सहारे तय करनी पड़ रही है। इसके लिए न तो जनप्रतिनिधि गंभीरता दिखा रहे हैं और न ही सरकारी अमला ही गंभीर हो रहा है। जबकि इस मार्ग से आसपास के गांवों समेत इन दोनों संस्थानों तक आवागमन करने वाले हजारों राहगीर हलकान होते रहते हैं।
मंडल मुख्यालय से महज आठ किमी दूर स्थित बस्ती-महुली मार्ग पर महसों के निकट शोखापुरवा गांव में राजकीय आईटीआई की स्थापना हुई है। इसी से ठीक सटे फोरेंसिक लैब का भी निर्माण तेज गति से चल रहा है। करोड़ों रुपए खर्च कर इस ग्रामीण क्षेत्र में दोनों संस्थानों को स्थापित किया जा रहा है। बावजूद इसके यहां की मुख्य सड़क जहां पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है, वहीं तकरीबन ढाई सौ मीटर मिट्टी की पगडंडी सड़क होना कई सवाल खड़े करता है। वहीं फोरेंसिक लैब का निर्माण करने वाली कार्यदायी संस्था पीडब्ल्यूडी भवन निर्माण खंड के इंजीनियर यह कह कर पल्ला झाड़ लेते हैं कि वह सिर्फ भवन का निर्माण करवा सकते हैं, सड़क की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड की है। वहीं आईटीआई के जिम्मेदार बताते हैं कि प्रशासन को संज्ञान में लाया गया है, जहां से जल्द ही सड़क बनवाने का आश्वासन मिला है। दूसरी तरफ आसपास के गांवों के ग्रामीण इसे जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा बताकर कोस रहे हैं। उनका कहना है कि तकरीबन सात साल पहले यहां की मुख्य सड़क को तत्कालीन काबीना मंत्री राजकिशोर सिंह ने अपने गांव में बने चंगेरवा उद्यान तक पहुंचने के लिए निर्मित करवाया था लेकिन उसके बाद न तो इस सड़क की मरम्मत करवाई गई और न ही इसके उद्धार के लिए कोई पहल ही की गई। ग्रामीण परशुराम, विवेकानंद, जयप्रकाश व मोतीलाल आदि का कहना है कि चंगेरवा उद्यान तक जाने वाली सड़क से ढाई सौ मीटर मिट्टी की सड़क के बारे में किसी ने कभी भी कोई कदम नहीं उठाया है, जबकि यहां स्थापित आईटीआई व फोरेंसिक लैब पर अब आवागमन तेज हो रहा है और सड़क की हालत जस की तस बनी हुई है।
भेजा गया है प्रस्ताव
ढाई सौ मीटर सड़क के निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड एक को प्रस्ताव फरवरी में ही भेजा गया है। चुनाव संपन्न होने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी - अखिलेश सिंह, सहायक अभियंता, पीडब्ल्यूडी भवन निर्माण खंड बस्ती।
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