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Saturday, May 18, 2024

नगर बाजार में बंदरों ने मचाया उत्पात, कई हुए लहूलुहान

 - नगर पंचायत के बरदही बाजार में बंदरों के झुंड ने बनाया ठिकाना, कई लोगों पर किया हमला

बस्ती। नगर पंचायत नगर बाजार में इन दिनों बंदरों के झुंड ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जिसने अब तक कई लोगों को काट कर घायल कर दिया है। इससे पूरे क्षेत्र में दहशत बनी हुई है। यहां के नागरिकों ने नगर पंचायत प्रशासन और वन विभाग से इन बंदरों से निजात दिलाने की मांग किया है। 


नगर बाजार में इन दिनों बंदरों का आतंक बढ़ गया है। यहां के बरदही बाजार में ठिकाना बनाकर रात बिताने वाले बंदर दिन में गलियों में निकल कर लोगों को जीना दुश्वार कर दिए हैं। यहां तक कि यहां घरों में घुसकर बंदर सारा सामान तो तितर-बितर कर ही रहे हैं, साथ ही यहां अगर किसी ने इन्हें भगाने की पहल दिखाई तो उन पर हमला कर वह उन्हें लहूलुहान भी कर दे रहे हैं। यहां की नागरिक इंद्रावती, इलायची देवी, सुरेंद्र, केशव, संतोष व राम नयन आदि ने बताया कि वह भी इनके हमले से घायल होकर इलाज करवा चुके हैं। इन लोगों समेत नगर पंचायत क्षेत्र के अन्य नागरिकों ने नगर पंचायत प्रशासन और वन विभाग से इन बंदरों से निजात दिलाने की मांग किया है। 

- जिले में तीन हजार बंदर मार रहे गुलाटी

वन्य पशु गणना 2023 के अनुसार इन दिनों जिले में कुल 3097 बंदर मौजूद हैं। इनमें 1337 नर, 919 मादा व बाकी बच्चे हैं। कप्तानगंज रेंज में 613, हरैया में 439 व रामनगर में 477 बंदर विचरण कर रहे हैं, वहीं अकेले बस्ती सदर रेंज में 1446 बंदरों ने धमाचौकड़ी मचा रखी है। मंडल मुख्यालय पर तो यह स्थिति है कि वार्डवार जब इनका डेरा लगता है तो उस दिन मोहल्ले के लोग छत व आंगन में भी जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं। यही नहीं जब कभी इनके झुंड हमलावर हो उठते है तो लोग दुबक जाते हैं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जानलेवा हमले की घटनाएं सुनने को मिलती रहती हैं।

- उत्साही युवाओं ने अब तक चलाया अभियान

वन विभाग के पास पिंजरा व अन्य संसाधन तो हैं लेकिन बंदरों व खतरनाक जानवरों को पकड़ने के लिए कोई विभागीय प्रशिक्षित टीम नहीं है और न ही कोई बजट है। दो साल पहले जेल व जिला प्रशासन की पहल पर बंदरों को पकड़ने का अभियान चलाया गया तो तत्कालीन फॉरेस्ट रेंजर राजकुमार ने बस्ती व सिद्धार्थनगर के कुछ उत्साही युवाओं के सहारे डीएम-एसपी व कमिश्नर आवास से लेकर जेल व रेलवे स्टेशन तक लगभग सात सौ बंदरों को पकड़ कर फरेंदा के जंगल में भेजा था लेकिन इस बीच बंदरों के कुनबे बढ़ते चले गए। यही नहीं इन उत्साही युवाओं के दैनिक मजदूरी का भी कोई इंतजाम वन विभाग नहीं कर सका जिससे अभियान पूरी तरह से ठप पड़ गया। दूसरी तरफ खतरनाक जानवरों को भी पकड़ने का कोई इंतजाम नहीं है। जिसकी आवश्यकता तब से और अधिक महसूस की जा रही है जब 12 मई 2018 को हरैया के फरदापुर के एक घर में 12 घंटे तक एक तेंदुआ घुसा पड़ा रहा। वन विभाग को इसे कब्जे में लेने के लिए लखनऊ व सोहगीबरवा की टीम का सहारा लेकर पिंजड़े में कैद करना पड़ा था।

- नगर बाजार में भेजी जाएगी टीम

डीएफओ जेपी सिंह ने बताया कि नगर बाजार में वन विभाग की टीम भेजकर नगर पंचायत के सहयोग से बंदरों को पकड़वाने का इंतजाम किया जाएगा। इसके लिए पूरे जिले में जल्द ही अभियान भी चलाया जाएगा।

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