बस्ती। लोकसभा चुनाव के अंतिम दौर का चुनाव प्रचार थमने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 मई से दो दिन के लिये मौन व्रत करने की घोषणा की है। कांग्रेस पार्टी इसका विरोध कर रही है। चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद 24 घण्टे का वक्त साइलेंस पीरियड होता है। इस दौरान कोई राजनैतिक दल या नेता प्रत्यक्ष या अपरोक्ष प्रचार या कैंपेनिंग नही कर सकता।
कांग्रेस पार्टी आरटीआई प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव महेन्द्र श्रीवासतव ने कहा प्रधानमंत्री जिस दिन से मौन व्रत शुरू करेंगे उसके दूसरे दिन सातवें चरण के चुनाव के लिये मतदान होना है। इधर वे मौन व्रत शुरू करेंगे, दूसरी ओर आदतन भारत की मुख्य धारा की मीडिया इसका प्रसारण देशवासियों को दिखायेगा जो आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। इसे किसी कीमत पर उचित नही ठहराया जा सकता। प्रधानमंत्री को चाहिये वे अंतिम चरण का मतदान सम्पन्न होने के बाद अपना मौन व्रत शुरू करें अथवा भारत निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करे कि मीडिया प्रधानमंत्री के ध्यान का प्रसारण नही दिखायेगा।
महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा चुनाव आयोग शक्तिशाली और अहंकारी सत्ता के आगे नतमस्तक है। यही कारण है कि करोड़ों देशवासियों को चुनाव आयोग पर भरोसा नही है कि भारत में फ्री एण्ड फेयर इलेक्शन करवा पायेगा। प्रधानमंत्री के मौन व्रत की घोषणा के बाद खुद भारत निर्वाचन आयोग को इसे सज्ञान लेकर रोक लगानी चाहिये। महेन्द्र श्रीवास्तव ने मांग किया है कि प्रधानमंत्री को अंतिम चरण का मतदान सम्पन्न होने तक मौन व्रत से रोका जाये।
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