बस्ती। आईटीआई के ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट यानी कि डीटीआई स्थित एआरटीओ दफ्तर में चोरों ने धावा बोलकर मंहगी बैट्रियों को चुरा लिया। इसका खुलासा तब हुआ जब चुनाव ड्यूटी से लौटे अधिकारियों ने ऑफिस का ताला खोला। यहां का नजारा देखकर पूरे दफ्तर में अफरा-तफरी मच गई है। लोगों का कहना है कि अब यहां कुछ भी सुरक्षित नहीं है। यहां अब मारपीट करने वाले बदमाशों के साथ ही चोरों का भी बसेरा होने लगा है।
परिवहन विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में वाहनों की व्यवस्था में व्यस्त थे। 25 मई को मतदान होने के कारण पूरा कार्यालय बंद था। 26 मई को रविवार पड़ गया और सोमवार को जब ऑफिस खुला तो बायोमेट्रिक कक्ष के कर्मचारी उपस्थित नहीं हुए। जिससे आवेदक भटकते रहे। मंगलवार को जब बायोमेट्रिक कक्ष खुला तो यहां तकरीबन 60 हजार की दर्जन भर बैट्रियां गायब मिलीं। कर्मचारी सूफियान ने इसकी जानकारी अधिकारियों की दी तो सभी अचंभे में आ गए। फिर भी यहां किसी तरह से दूसरी बैट्रियां मंगाकर काम चलाया जा रहा है।
- सवालों के घेरे में सीसी कैमरे
डीटीआई कैंपस शुरू से ही विवादों के घेरे में रहा है। 24 जून 2019 को स्थापित इस डीटीआई कैंपस में डीएल बनवाने का इंतजाम किया गया। कुछ दिन तो ठीक रहा लेकिन यहां तैनात कर्मचारियों की बदसलूकी व बाहरी दलालों के चक्कर में पूरा कार्यालय विवादों से घिर गया। यहां कई बार मारपीट के मामले भी उजागर हो चुके हैं। बावजूद इसके परिवहन विभाग के अधिकारी कोई ठोस कदम नहीं उठा सके। यहां सिर्फ सीसी कैमरे लगाकर अपनी जिम्मेदारी निभा दिया। इधर जब चोरी जैसी घटना हुई तो सीसी कैमरे बंद पाए गए। इससे सवाल खड़ा होता है कि आखिर चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य का समय होने के बावजूद सीसी कैमरे क्यों बंद रखे गए। अगर कैमरे चालू रहते तो कम से कम चोरों का सुराग तो मिल जाता। वैसे आसपास के लोगों का दावा है कि यह भी आफिस के अंदर बाहर घूमने वाले दलालों का ही काम है। वहीं संभागीय प्राविधिक निरीक्षक संजय कुमार दास ने बताया कि मामले की सूचना अभी पुलिस को नहीं दी गई है। जल्द ही जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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