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Friday, May 3, 2024

इस बार बटाईदार नहीं पाएंगे गेहूं का भुगतान

- शासन ने किया है बदलाव, सीधे मूल किसान के खाते में जाएगा मूल्य

बस्ती। इस बार गेहूं बेचने के लिए बटाईदारों को दिया गया अधिकार समाप्त कर दिया गया है। अब मूल किसान के खाते में ही गेहूं का मूल्य भेजा जाएगा। इससे बटाईदार किसानों को तगड़ा झटका लगा है।
पिछले दो साल से शासन ने धान व गेहूं क्रय नीति के तहत बटाईदार किसानों को धान बेचने की सुविधा दिया था। उसका भुगतान भी पीएफएमएस के जरिए उनके खाते में भेज दिया जाता था। इस बार इसमें बदलाव कर दिया गया है और बटाईदारों को दिया गया यह अधिकार समाप्त कर दिया गया है। अब जिस किसान के नाम से खतौनी होगी, उसी के खाते में भुगतान भेजा जाएगा।

- इस तरह होगा मूल किसानोें का पंजीयन
पीसीएफ के जिला प्रबंधक अमित कुमार चौधरी के मुताबिक विपणन वर्ष 2024 में क्रय केन्द्रों पर गेहूं की बिक्री के लिए मूल किसानों को खाद्य विभाग के पोर्टल www.fcs.up.gov.in पर  पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। यह पंजीकरण कृषक स्वयं, जनसूचना केंद्र के माध्यम से अथवा साइबर कैफे में जाकर करवा सकते हैं। किसानों का पंजीकरण, उनके आधार संख्या व आधार में दर्ज मोबाइल नंबर अथवा पंजीकरण के समय दर्ज मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी के आधार पर किया जाएगा। बटाईदार की स्थिति में मूल कृषक के नाम से ही पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा और गेहूं खरीद का भुगतान मूल कृषक के खाते में किया जाएगा। गेहूं बिक्री के समय क्रय केंद्रों पर किसान के स्वयं मौजूद न होने की दशा में किसान को पंजीकरण के समय अपने पंजीकरण प्रपत्र में परिवार के नामित सदस्य (माता-पिता, पति-पत्नी, पुत्र-पुत्री, दामाद-पुत्रवधू, सगा भाई-सगी बहन) का विवरण व आधार नम्बर फीड कराना होगा। 
- दिशा-निर्देशों के अनुसार होगी गेहूं की खरीद
डिप्टी आरएमओ अजय प्रताप सिंह ने बताया कि शासन से जारी गाइडलाइन के अनुसार गेहूं की खरीद की जा रही है। इसके लिए मूल किसानों को पंजीकरण करवाना अनिवार्य किया गया है।  

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