गोरखपुर। 46 बटालियन एनसीसी में कार्यरत कर्मचारी महेंद्र प्रताप और उनके के परिजनों पर हुए जानलेवा हमले का एफआईआर शाहपुर पुलिस दर्ज नहीं कर रही हैं, जबकि पुलिस अधीक्षक उत्तरी ने मुकदमा पंजीकृत कराए जाने का आदेश भी दिया है।
46 यूपी बटालियन एनसीसी में कार्यरत महेंद्र प्रताप मो० जंगल मातादीन, थाना शाहपुर में अपना मकान बनवा रहे हैं दिनांक 15 अप्रैल 2024 को सायं 05 बजे उनके मकान का काम चल रहा था, उसी समय उनके पड़ोसी सुग्रीव और रामनिवास आदि ने आकर के कार्य को रोक दिया और वहां उपस्थित महेंद्र प्रताप की पुत्री मोनिका को भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे, मोनिका द्वारा यह बात जरिए टेलीफोन अपने पिता को बताया गया इसके बाद महेंद्र प्रताप और उनके पुत्र तथा उनकी एक और पुत्री मौके पर पहुंचे लेकिन पूर्व से ही घात लगाकर बैठे उपरोक्त सुग्रीव और रामनिवास आदि ने राड से महेन्द्र प्रताप और उनके परिजनों के ऊपर हमला कर दिया जिससे महेंद्र प्रताप उनके पुत्र और दोनों पुत्री को काफी चोटे आई, जिसका डाक्टरी मुलाहिजा जिला चिकित्सालय गोरखपुर में हुआ लेकिन घटना के कई दिन बाद है फिर दर्ज नहीं हुआ। जिसके बाद महेंद्र प्रताप ने न्याय की उम्मीद से पुलिस अधीक्षक नगर और पुलिस अधीक्षक उत्तरी के पास अपना प्रार्थना पत्र लेकर प्रस्तुत हुए जिसमें पुलिस अधीक्षक नगर और उत्तरी दोनों ने मुकदमा पंजीकृत कराए जाने का आश्वासन दिया लेकिन घटना के 20 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक उक्त कर्मचारियों को न्याय नहीं मिला है और ना ही उनका फिर दर्ज हुआ है, जबकि प्रभारी निरीक्षक शाहपुर ने प्रार्थना पत्र पर मुकदमा पंजीकृत किए जाने का आदेश भी दे चुके है।
इस संबंध में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव की अगुवाई में महामंत्री मदन मुरारी शुक्ल, अशोक पांडेय, अनूप कुमार महेन्द्र प्रताप व उनके पुत्र मुकुल के साथ पुलिस अधीक्षक उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव से मुलाकात किया श्री श्रीवास्तव में इस प्रकरण को गंभीरता से लिया और प्रभारी निरीक्षक शाहपुर को मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश भी दिया लेकिन अभी तक उपरोक्त कर्मचारियों का मुकदमा पंजीकृत नहीं हुआ है जिससे कर्मचारी समाज में भारी आक्रोश है।
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