- सिर्फ दो ही ठेकेदारों ने ली थी निविदा, मानक न पूरी होने पर उलझ गई टेंडर की प्रक्रिया
- 20 हजार की आबादी को मिलना था शुद्ध पानी, 33.64 करोड़ रुपए से चालू होनी थी परियोजना
- बननी थी तीन और पानी की टंकी, देशी नलों और हैंडपंपों के पानी से मिल जाती निजात
बस्ती। रुधौली नगर पंचायत की तकरीबन 20 हजार की आबादी को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की परियोजना ठेकेदारों की बेरुखी के कारण ठप पड़ गई है। जबकि नगरीय जलनिगम की टीम ने 33 करोड़ 64 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार कर शासन से मंजूरी ले लिया था और जनवरी में ही टेंडर की प्रक्रिया भी चालू करवा दिया था। टेंडर प्रक्रिया में सिर्फ दो ही ठेकेदारों के हिस्सा लेने कारण पूरी तैयारी पर पानी फिर गया। इधर जब तक जलनिगम दोबारा टेंडर निकालकर निविदा आमंत्रित करता, तब तक लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका था। लिहाजा पूरी परियोजना ही ठप पड़ गई।
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दस साल पहले 2014 में जिले के रुधौली कस्बे के आसपास के तकरीबन दो दर्जन राजस्व गांवों को मिलाकर नई नगर पंचायत का गठन किया गया। यहां अभी तक ग्रामीण पेयजल योजना के तहत 900 किलोलीटर की क्षमता के वाटर हेड टैंक की मदद से सिर्फ कस्बे में जलापूर्ति की जा रही है, जो आए दिन बाधित होती है। जबकि यहां के नागरिक वाटर और हाउस टैक्स दोनों का भुगतान कर रहे हैं। वहीं अन्य शामिल राजस्व गांवों में अभी तक इंडिया मार्क हैंडपंप व देसी नल ही सहारा बने हुए हैं।
परियोजना में इन कार्यों को किया गया है शामिल
जल निगम नगरीय के सहायक अभियंता ओपी चौधरी के अनुसार 750, 600 और 350 लीटर के तीन और वाटर हेड टैंक बनाए जाएंगे। साथ ही आधा दर्जन ट्यूबवेल का भी निर्माण किया जाएगा। साथ ही 6 ट्यूबवेल और 101.304 किमी पाइपलाइन बिछाई जाएगी। ताकि प्रति व्यक्ति प्रतिदिन औसतन 135 लीटर जलापूर्ति का इंतजाम किया जा सके।
दोबारा होगा टेंडर, पूरी की जाएगी परियोजना
रुधौली नगर पंचायत में पेयजल परियोजना के लिए टेंडर आमंत्रित किया गया था लेकिन सिर्फ दो ही फर्म ने निविदा खरीदी, जबकि कम से कम तीन फर्म को शामिल होना चाहिए। लिहाजा चुनाव के बाद दोबारा टेंडर आमंत्रित किया जाएगा और परियोजना पर काम चालू किया जाएगा।
- रेहान फारुकी, अधिशासी अभियंता, बस्ती-सिद्धार्थनगर नगरीय जल निगम
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