- भारतीय खाद्य निगम ने की तैयारी, 20 मीटर चौड़ी बनेगी सड़क
- 5600 एमटी की जगह बनाए जाएंगे 8340 एमटी क्षमता के दो नए अनाज के गोदाम
- नए कलेवर में चमकेंगे कर्मचारियों के आवास व अधिकारियों के आफिस, किसान भी आसानी से बेच सकेंगे गेहूं-धान
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बस्ती। लोकसभा चुनाव के बाद भारतीय खाद्य निगम यानी कि एफसीआई के 60 साल पुराने गोदाम को ढहाकर नया व आधुनिक बनाया जाएगा। इसके लिए निगम के प्रस्ताव पर शासन की मंजूरी मिल चुकी है और कार्यदायी कंपनी इसे ढहाने की तैयारी कर रही है। इसके माडर्नाइज्ड होने से जहां सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अनाज को सुरक्षित किया जा सकेगा, वहीं यहां स्थापित क्रय केंद्र पर जिले के हजारों किसान भी अपना अनाज आसानी से बेच सकेंगे।
रेलवे स्टेशन के उत्तरी छोर पर भारतीय खाद्य निगम ने 1963-64 में अपना गोदाम स्थापित किया था। जहां एक क्रय केंद्र के अलावा 5600 एमटी के दो गोदाम बनाए गए थे। इन गोदामों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अनाज के अलावा क्रय केंद्र पर खरीदे गए गेहूं का भी भंडारण होता है। यहां एफसीआई के प्रबंधक के कार्यालय समेत कर्मचारियों के आवास व मजदूरों के टिनशेड भी बनाए गए हैं। दशकों पूर्व बने यह संसाधन अब पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। यहां तक कि क्रय केंद्र व उसके गोदाम भी खस्ताहाल हो चुके हैं। यही नहीं यहां बनाई गई चार मीटर पतली सड़क पर जब ट्रकों व अनाज लदे भारी वाहनों का रेला निकलता है तो एक तरफ से जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। यहां अनाज के तौल के लिए स्थापित धर्मकांटा का फाउंडेशन भी अपनी दुर्दशा बयान कर रहा है। इसको देखते हुए एफसीआई के जिला प्रबंधक धीरज सिंह ने उच्चाधिकारियों को समस्याओं से अवगत कराया तो इसके नवीनीकरण की योजना तैयार हो गई और मंजूरी देकर टेंडर भी फाइनल हो गया है। चुनाव बाद इस प्राचीन भवन व गोदाम को गिरा कर नए कलेवर में निर्माण किया जाएगा।
आधुनिक संसाधनों से लैस होगा गोदाम
भारतीय खाद्य निगम के जिला प्रबंधक धीरज कुमार सिंह ने बताया कि गोदाम व कार्यालय के नवीनीकरण करवाकर आधुनिक संसाधनों से लैस किया जाएगा। बताया कि यहां 20 मीटर चौड़ी सड़क व 8340 एमटी क्षमता के दो गोदामों के निर्माण की योजना बनाई जा रही है।
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