- पूजन के बाद पूरी तरह तैयार हुआ जिले में निर्मित प्रदेश का यह तीसरा साइलो गोदाम
- अनाज भंडारण की समस्या हुई दूर, पड़ोसी जिलों को भी मिलेगा लाभ
- तीन साल तक सुरक्षित रहेगा गेहूं, फूड कार्पाेरेशन ऑफ इंडिया ने बनवाया है भारी क्षमता का गोदाम
बस्ती। गेहूं खरीद अपने चरम पर है और जिले में साइलो गोदाम भी अब परीक्षा व पूजन के दौर से गुजर कर 50 हजार एमटी गेहूं के भंडारण के लिए पूरी तरह से तैयार हो गया है। जिले के टिनिच रेलवे स्टेशन के पास भारतीय खाद्य निगम यानी कि एफसीआई का यह साइलो गोदाम लखनऊ व हापुड़ के बाद प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा गोदाम साबित होगा।
भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में अनाज भंडारण क्षमता की कमी और उचित रख रखाव के अभाव में हर साल देश के कई गोदामों में लाखों टन अनाज वर्षा एवं चूहों के कारण बर्बाद हो जाता है। एफसीआई में रखी गई खाद्यान्नों की गुणवत्ता ज्यादा दिनों तक बरकरार रखने के लिए सूबे में लखनऊ व हापुड़ के बाद अब बस्ती को स्टील साइलो गोदाम की सुविधा मिल गई है। इसके लिए भारतीय खाद्य निगम व रेलवे की संयुक्त टीमों ने अपने-अपने जिम्मे के कार्यों को बखूबी पूरी कर लिया है। इस गोदाम का पूजन भी अधिकारियों ने करवा दिया है।
पांच हजार टन गेहूं से हुआ है सफल ट्रायल
चार महीने पहले 23 दिसंबर को साइलो प्लांट में भारतीय खाद्य निगम ने मंडी स्थित गोदाम से पांच हजार टन गेहूं उपलब्ध करवाया था, तब जाकर इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है। गोदाम के साइट मैनेजर अतुल डहेखर, लखनऊ एफसीआई के एजीएम सिविल कुंवर कुंज प्रताप, एफसीआई लखनऊ के एजीएम स्टोरेज रूपेश कुमार शॉ, गोरखपुर के मंडल प्रबंधक मनोज कुमार व एनसीएमएल अधिकारी त्रिभुवन बोरा की मौजूदगी में प्लांट का ट्रायल किया गया था और उसके फंक्शन का बारीकी से परीक्षण किया गया था। गोदाम निर्माण करने वाली हरियाणा की कंपनी एनसीएमएल के अधिकारी अतुल डहेखर ने बताया कि परीक्षण सफल रहा और अब यह गोदाम भंडारण के लिए तैयार हो चुका है।
दूसरे जिलों के गोदामों के सहारे होता था भंडारण
जिले में गेहूं का भंडारण एक बड़ी समस्या बनी रहती है। हर साल औसतन 125 हजार एमटी गेहूं की खरीद होती है लेकिन भंडारण के लिए आसपास जिलों के अलावा गोरखपुर तक के गोदामों की मदद ली जाती थी। यही हालात राज्य के लगभग हर संभागीय जिलों में थे। इस समस्या को दूर करने के लिए शासन ने प्रदेश में 16 साइलो गोदामों के निर्माण की योजना बनाई है। लखनऊ व हापुड़ के बाद बस्ती में 640 करोड़़ रुपये से स्टील साइलो गोदाम का निर्माण टिनिच रेलवे स्टेशन से 300 मीटर की दूरी पर किया गया है।
सभी औपचारिकताएं हो चुकी हैं पूरी
भारतीय खाद्य निगम के प्रबंधक धीरज सिंह के अनुसार हरियाणा की एनसीएमएल कंपनी ने साइलो गोदाम का निर्माण पूरा कर ट्रायल व पूजन भी कर लिया है। जहां इस बार गेहूं का भंडारण करवाया जाएगा। इसके लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं।
साइलो गोदाम की ये हैं खूबियां
भारतीय खाद्य निगम के तकनीकी जानकारों के अनुसार स्टील साइलो गोदाम पूरी तरह कंक्रीट से तैयार हुआ है। उसके अंदर दस-दस हजार एमटी क्षमता वाले बेलनाकार स्टील के पांच टैंक बनाए गए हैं। गोदाम की खासियत है कि इसमें न तो नमी होती है और न ही अनाज में बीमारियां लगती हैं। किसी भी मौसम में इसका तापमान एक जैसा ही रहेगा मौसम के अनुसार भंडारण गृहों का तापमान स्वतः नियंत्रित हो जाएगा। खाद्यान्न को बीमारियों से बचाने के लिए प्रयोग की जाने वाली औषधियां भंडारण गृहों को खोले बिना स्वचालित तकनीक से मिलाई जाएंगी। स्टील साइलो टैंक में बिना बोरी के लंबे समय तक अनाज स्टोरेज किया जा सकता है। जब गेहूं लेकर ट्रक व मालगाड़ी की बोगियां पहुंचेंगी तो डोंगे में पड़ने के बाद उसकी सफाई व छंटाई का काम मशीन खुद कर देगी। साफ-सुथरा गेहूं स्वतः गोदाम में पहुंच जाएगा। इसमें न तो बोरे की जरूरत पड़ेगी और न ही लेबर का काम लगेगा। सभी गोदाम रेल लाइन के किनारों पर होने से अनाज की लोडिंग, अनलोडिंग व परिवहन आसानी से किया जा सकेगा।
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