अभियान से रेलकर्मियों के शारीरिक दक्षता में सुधार, आपसी सामान्जस्य एवं टीम भावना होती है बलवती - सौम्या माथुर
गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे क्रीड़ा संघ (नरसा) के तत्त्वावधान में 30 रेलकर्मियों का एक दल चन्द्रखानी पास, हिमांचल प्रदेश के ट्रेकिंग हेतु रवाना हुआ। पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबन्धक एवं संरक्षक/नरसा सुश्री सौम्या माथुर ने ट्रेकिंग दल को अपनी शुभकामनायें देते हुये कहा कि इस अभियान से रेलकर्मियों के शारीरिक दक्षता में सुधार, आपसी सामान्जस्य एवं टीम भावना बलवती होती है एवं ऐसे अभियान मिलजुलकर कार्य करने जैसे मानवीय गुणों को सुदृढ़ करते हैं। सुश्री माथुर ने टीम का उत्साहवर्धन करते हुये कहा कि इस अभियान में शामिल रेलकर्मियों को कठिन परिस्थिति एवं कम संसाधनों में जीवन्तता तथा निर्वाह करने का धैर्य एवं हौसला आयेगा ।
सुश्री माथुर ने प्रतिभागियों की दृढ़ इच्छाशक्ति एवं आत्मविश्वास की सराहना करते हुये उन्हें इस साहसिक अभियान में पूर्ण सफलता मिलने की कामना की तथा महिला प्रतिभागियों के इस अभियान में शामिल होने पर विशेष प्रसन्नता व्यक्त की ।
इस अवसर पर अपर महाप्रबन्धक डी.के.सिंह ने कहा कि ऐसे अभियान राष्ट्रीय एकता की दृष्टि में भी महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि लोगों को विभिन्न संस्कृति एवं सामाजिक रीति-रिवाजों से परिचित होने का अवसर मिलता है एवं उनकी समझ व्यापक होती है।
पूर्वोत्तर रेलवे क्रीड़ा संघ के अध्यक्ष श्रीश श्रीवास्तव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा देने वाले ऐसे अभियान आयोजित करने में पूर्वोत्तर रेलवे अग्रणी रहा है। इसमें शामिल प्रतिभागियों को अभियान का अनुभव जीवन पर्यन्त यादगार रहता है।
पूर्वोत्तर रेलवे क्रीड़ा संघ के महामंत्री एवं मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने ट्रेकिंग दल के सदस्यों का महाप्रबन्धक से परिचय कराते हुये अभियान में बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा अभियान के सफलता की कामना की।
उल्लेखनीय है कि इस 30 सदस्यीय ट्रेकिंग दल में 05 महिलाकर्मियों सहित श्रेणी-ए एवं बी के अधिकारी तथा श्रेणी-सी एवं डी के कर्मचारी सम्मिलित हैं। दल में रेलवे के 14 विभिन्न विभागों का प्रतिनिधित्व है। दल का नेतृत्व अनुभवी ट्रेकर एवं महाप्रबन्धक के प्रोटोकाल निरीक्षक मनीष रंजन कर रहे हैं।
उपरोक्त ट्रेकिंग अभियान कुल 10 दिनों का है। इसमें दल के सदस्य कुल्लू स्थित बेस कैम्प से ट्रेकिंग प्रारम्भ करेंगे। प्रतिदिन दिन में टेªकिंग करते हुये आगे बढ़ेंगे एवं संध्यापूर्व पहाड़ो पर जंगलों के बीच अस्थाई कैम्प में रूकेंगे तथा पुनः प्रातःकाल ट्रेकिंग करते हुये आगे बढ़ेगें। सातवे दिन 12000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित चन्द्रखानी पास का आरोहण करेंगे।
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