- निक्षय पोषण योजना के जरिए टीबी के मरीजों को इलाज पूर्ण करने तक मिलता है हर महीने 500 रुपये : राहुल श्रीवास्तव
बस्ती। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जागरूकता अभियान के तहत आज ग्राम सभा सर्रैया अतिबल में सामुदायिक बैठक का आयोजन ग्रामप्रधान अवधेश सिंह के आवास पर किया गया।
जिला कार्यक्रम समन्वयक अखिलेश चतुर्वेदी ने कहा कि सक्रिय टीबी का मरीज दूसरे स्वस्थ्य व्यक्तियों को भी संक्रमित कर सकता है, इसलिए सक्रिय टीबी के मरीज को अपने मुँह पर मास्क या कपडा लगाकर बात करनी चाहिए और मुँह पर हाथ रखकर खाँसना और छींकना चाहिए। अगर टीबी का जीवाणु फेफड़ों को संक्रमित करता है तो वह पल्मोनरी टीबी कहलाता है। टीबी का बैक्टीरिया 90 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में फेंफड़ों को प्रभावित करता है। पंद्रह दिन से अधिक खांसी, सीने में दर्द, बलगम, वजन कम होना, बुखार आना और रात में पसीना आना टीबी के लक्षण है। कभी-कभी पल्मोनरी टीबी से संक्रमित लोगों की खांसी के साथ थोड़ी मात्रा में खून भी आ जाता है।
आज के समय पर सामान्य टीबी का इलाज कोई चुनौती नहीं है। टीबी के रोगी को डॉक्टर के दिशा निर्देश अनुसार नियमित टीबी की दवाओं का सेवन करते रहना चाहिए।
वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक राहुल श्रीवास्तव ने कहा कि निक्षय पोषण योजना के जरिए टीबी के मरीजों को इलाज पूर्ण करने तक हर महीने 500 रुपये पोषण के लिए दी जा रही है, इसके साथ ही टीबी मरीजों को पहचान करने वालों को भी 500 रुपये दिया जा रहा है।
वरिष्ठ प्रयोगशाला पर्यवेक्षक संजय पाण्डेय ने कहा कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान के तहत आप सभी से निवेदन है कि अपने गांव में ज्यादे से ज्यादे लोगों का जांच कराएं और साथ ही साथ अगर आप सक्षम हैं तो अपने अपने क्षेत्र के मरीजों को गोद लेकर उनके मददगार बने।
इस अवसर पर डॉक्टर्स फ़ॉर यू अभिषेक सिंह, रामलौट, रोहित यादव, गोविन्द, कपिल वर्मा, पिंटू सिंह, रिंकू गोश्वामी, दीपक सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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