- जिलाधिकारी को सम्बोधित पत्र में सुदामा ने चरित्र हनन का लगाया आरोप
- समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय ने जिलाधिकारी से शिकायत के साथ साथ कानूनी नोटिस भी भेजा
बस्ती। पत्रकार द्वारा भ्रामक खबर "पांच लाख व टिकट पर बिके समाजसेवी" के जरिए अपने मान सम्मान को ठेस पहुंचाये जाने को लेकर विधिक कार्यवाही की मांग को जिलाधिकारी को सम्बोधित पत्र उनके प्रशासनिक अधिकारी को सौंपते हुए समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा ने बताया कि 27अप्रैल 2024 दिन रविवार को प्रतिदिन की भांति मेरे व्हाट्सएप पर पेपर की कटिंग आयी। जिसमें लिखा था कि टिकट और पांच लाख में बिके समाजसेवी खबर में बताया गया कि बिकने की बकायदे डील तय हुई जिसके अनुसार समाजसेवी काफी दिनों से की पत्रकारों से अपनी डील तय कराने हेतु बातचीत कर रहे थे जिसके आडियो के आधार पर ये खबर लिखी गई है इतना ही नहीं समाजसेवी 25 लाख मांग रहे थे किन्तु 5 लाख में सौदा तय हुआ तथा उनके द्वारा सरकारी जमीन पर विद्यालय बनाया गया है।
श्री पाण्डेय ने बताया कि जनहित में मैं प्रार्थी नित शासन प्रशासन से समस्या समाधान हेतु प्रयासरत रहता हूं व जनसामान्य को न्याय दिलाने हेतु संघर्ष करता रहता हूं ऐसे में हर्रैया ही नहीं बस्ती जनपद में जब कहीं समाजसेवी का जिक्र होता है तो उसमें प्रार्थी का नाम प्रमुखता से आता है प्रार्थी का विद्यालय भी प्रार्थी के नाम दर्ज जिस आबादी की जमीन पर चल रहा है वो खतौनी में बंजर ही दिखता है जिसके चलते विरोधियों के शिकायत पर पूर्व में दो बार राजस्व टीम जांच कर रिपोर्ट लगा चुकी है। ऐसे में उक्त आरोप मुझ प्रार्थी पर ही इंगित हो रहा है कारण 25 अप्रैल 2024 गुरूवार को हमने भाजपा अंगीकार किया और शनिवार को ये खबर मुझ प्रार्थी के मोबाइल सहित अनेक शुभचिंतकों के पास वायरल कर दिया गया और प्रार्थी के पास उक्त के संदर्भ में फोन आना शुरू हो गया ऐसे में हमने पत्रकार से बात करने हेतु काई बार फोन किया तो उनका फोन नहीं उठा। प्रार्थी ने उन्हें अपना वीडियो भेजकर भी कहा कि ऐसी झूठी खबर फैलाने हेतु माफी मांगे या वायरल आडियो प्रस्तुत करें किन्तु आज तक न तो उनके द्वारा आडियो दिया गया न ही भ्रामक सूचना हेतु खेद ही व्यक्त किया गया इतना ही नहीं उनके द्वारा प्रेषित पेपर कटिंग भेजकर जब हमने सूचना अधिकारी से जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि ऐसा कोई पेपर या उसका संपादक मेरे संज्ञान में नहीं है। जो कि स्पष्ट करता है कि पत्रकार कूट रचित साक्ष्यों के आधार पर लोगों के विरुद्ध भ्रामक खबर लिखकर उनका चरित्र हनन करते रहते हैं।
ऐसे में उक्त के विरुद्ध चरित्र हनन का मामला दर्ज कराते हुए कठोर कार्यवाही सुनिश्चित कराते हुए प्रार्थी के हुए मान सम्मान की क्षतिपूर्ति दिलायें व इनपर व इनके द्वारा प्रेषित किये जाने वाली सूचनाओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगायें। अन्यथा की दशा में चुनाव उपरान्त प्रार्थी न्यायालय जाने या ऐसे फर्जी समाचार पत्र प्रकाशित करने वाले के विरुद्ध आन्दोलन को बाध्य होगा।
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