गोरखपुर। सरस्वती शिशु मंदिर पक्की बाग गोरखपुर में श्री रामनवमी कार्यक्रम हर्षोलाशपूर्वक मनाया गया। विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य अमर सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि श्री राम संपूर्ण जगत के पालनहार हैं। परिस्थिति कैसी भी आई परंतु भगवान राम ने अपना सम्पूर्ण जीवन मर्यादा में रहकर व्यतीत किया कभी धैर्य नहीं खोया। श्री राम के जीवन चरित्र से हमें जीवन जीने की, परिवार व राज्य चलाने की सीख मिलती है। इनके द्वारा बताए हुए मार्ग पर चलने से व्यक्ति को कभी दुखों का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने जीवन भर धर्म सम्मत आचरण किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम हमेशा लोभ, भय, क्रोध, मोह, से दूर रहे।
अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियाँ थीं लेकिन बहुत समय तक कोई भी राजा दशरथ को सन्तान का सुख नहीं दे पायी थीं जिससे राजा दशरथ बहुत परेशान रहते थे। पुत्र प्राप्ति के लिए राजा दशरथ को ऋषि वशिष्ठ ने पुत्रकामेष्टि यज्ञ कराने को विचार दिया। इसके पश्चात् राजा दशरथ ने, महर्षि ऋष्यश्रृंग से यज्ञ कराया। तत्पश्चात यज्ञकुण्ड से अग्निदेव अपने हाथों में खीर की कटोरी लेकर बाहर निकले।
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