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Sunday, April 28, 2024

जिम्मेदार भेज रहे खटारा बसें, भुगत रहे कंडक्टर - ड्राइवर

- रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने जताया आक्रोश, सौंपा ज्ञापन

- बीच रास्ते खड़ी हो जाने वाली बस को फिट बताकर भेज दी जा रहीं बसें

- कम आय मिलने पर अब तक दर्जन भर चालक-परिचालक हो चुके हैं स्थानांतरित और इतने ही भर चुके रिकवरी

बस्ती। डिपो की बसों की स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि आए दिन वह बीच रास्ते दगा दे जाती हैं। बावजूद इसके वर्कशॉप के जिम्मेदार बसों को बिना मरम्मत कराए रूटों पर भेज कर परिवहन निगम की छवि धूमिल कर रहे हैं। रोडवेज संयुक्त कर्मचारी परिषद के पदाधिकारियों ने इस पर आक्रोश व्यक्त करते हुए आंदोलन की चेतावनी दिया है। 


 

डिपो में कुल 94 नियमित व 23 अनुबंधित बसोें की सेवा ली जा रही है। अनुबंधित बसों के रखरखाव की जिम्मेदारी तो बस स्वामियों की है लेकिन निगम की बसों की मरम्मत डिपो के वर्कशॉप में ही होता है। इनमें कुल 17 बसें अपनी आयु सीमा या तो पार कर चुकी हैं या फिर मानक से अधिक किमी की दूरी तय कर बेदम हो चुकी हैं। यहां कर्मचारियों की कमी के कारण बसों की मरम्मत में लंबा समय लग जाता है। मजबूरन अधिकांश बसें बिना मरम्मत हुए ही रूट पर निकल जाती हैं और बीच रास्ते में ही उनके इंजन दम तोड़ देते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि इसका खामियाजा यात्रियों के साथ ही कंडक्टर व ड्राइवरों को भी भुगतना पड़ता है। यात्री जहां दूसरी बस पकड़ कर यात्रा करने को मजबूर होते हैं, वहीं कम आय मिलने पर कंडक्टर के वेतन से रिकवरी तो होती ही है, वहीं उनका स्थानांतरण भी कर दिया जाता है। इसी का नतीजा यह है कि पिछले दिनों तकरीबन दर्जन भर मजबूर परिचालकों को दूसरे डिपो स्थानांतरित कर दिया गया और तकरीबन आधा दर्जन चालकों का रोडवेज की नौकरी से मोह भंग हो गया और मजबूर होकर वह घर बैठ गए। उसके बाद रोडवेज प्रशासन को मजबूरन उनकी संविदा समाप्त कर देनी पड़ी। जबकि बसों के रखरखाव के प्रति न तो डिपो प्रशासन गंभीर है और न ही वर्कशॉप के जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। 

बीच रास्ते खराब हो जाती हैं बसें

बीच सफर बसों के खराब होने का सिलसिला लंबे समय से जारी है। इस तरह का मामला तब सामने आया जब कुछ दिनों पहले बस को बढ़नी से सवारी लेकर कानपुर जाना था। 47 यात्रियों को लेकर बस बस्ती से बढ़नी के लिए रवाना हुई तो मनौरी चौराहे के पास पहुंचते ही खड़ी हो गई। डिपो से दूसरी बस भेजकर बढ़नी भेजी गई और उस बस को वर्कशॉप में लाया गया। यहां इंजन को ठीक करने का ढोंग रचा गया और थोड़ी देर बाद दोबारा इसे कानपुर रवाना कर दिया गया। वही बस जैसे ही गोटवा बाजार पहुंची तो इंजन बंद हो गया। लिहाजा यात्रियों को दूसरी बस पकड़ कर यात्रा करनी पड़ी। 

रोडवेज कर्मचारी परिषद ने दी है चेतावनी

रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष कन्हैया सिंह व मंत्री इंद्रजीत तिवारी ने एआरएम व आरएम को पत्र भेजकर आंदोलन की चेतावनी दिया है। नेताओं का कहना है कि इस गर्मी के मौसम में अब तक कुल लगभग दो दर्जन बसों ने बीच रास्ते धोखा दे दिया है। जिससे जहां परिवहन निगम की छवि धूमिल हो रही है, वहीं राजस्व आय भी प्रभावित हो रहा है। जिसका खामियाजा चालकों-परिचालकों को भुगतना पड़ रहा है। उनके वेतन से जहां रिकवरी की जा रही है, वहीं कई कर्मियों की नौकरी छिन जा रही है। इससे सभी कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है और वह आंदोलित हो रहे हैं। अगर बसों की सेहत को बेहतर नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा।

बसों को दुरुस्त कर रूट पर भेजा जाता है 

बस्ती डिपो के सीनियर फोरमैन चंदन लाल ने बताया कि सभी बसों को नियमित जांच कर रूटों पर भेजा जाता है। कुछ बसों को क्षेत्रीय व केंद्रीय वर्कशॉप में सुधार के लिए भेजा जा रहा है।

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