- करोड़ों के 100 शैय्या महिला चिकित्सालय में सुविधायें एएनएम सेंटर जितनी : चन्द्रमणि पाण्डेय
- ओपीडी व सामान्य प्रसव जारी संसाधन व चिकित्सकों की उपलब्धता होते ही सिजेरियन डिलीवरी भी होगा : सीएमएस
बस्ती। गांव गरीब को बेहतर चिकित्सा सुविधा हेतु शहर का चक्कर लगाने से निजात दिलाने हेतु दशकों से निर्माणाधीन 100 शैय्या महिला चिकित्सालय हर्रैया समाजसेवी व अन्य प्रबुद्धजनों के आवाज उठाने के बाद आनन-फानन में हस्तांतरित करते हुए जनप्रतिनिधियों द्वारा फीता काटकर शुरू भले कर दिया गया किन्तु करोड़ों रूपए से निर्मित यह चिकित्सालय अनुपयोगी साबित हो रहा है कारण इस चिकित्सालय में महज वहीं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है जो कि प्रायः एएनएम सेंटर में भी पाया जाता है ज्ञात हो कि बीते 5 अप्रैल दिन शुक्रवार को ग्रामीणों की शिकायत पर समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा ने इस चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया तो पाया कि विल्डिंग के अलावा कुछ उपलब्ध है तो महज तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी जबकि चिकित्सक नदारद मिले व सीएमएस के कमरे पर ताला लटकता हुआ मिला समाजसेवी ने मामले से अवगत कराते हुए उच्चाधिकारियों सहित निदेशक प्रशासन स्वास्थ्य विभाग उत्तर प्रदेश को अवगत कराया तो अधिकारियों ने एक दूसरे को फरमान देना शुरू किया जिसके क्रम में आज सीएमएस हर्रैया ने समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय को बताया कि इतने बड़े अस्पताल में महज एक महिला चिकित्सिका उपलब्ध है दो अन्य चिकत्सिकाओं को जिले पर ही सम्बद्ध कर लिया गया है ऐसे में 24 घंटे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में समस्या हो रही है हम निरंतर उच्चाधिकारियों से अल्ट्रासाउंड मशीन रेडियोलॉजिस्ट व तीन और महिला चिकित्सकों की मांग कर रहे हैं यहां पर बच्चों व महिलाओं का नियमित ओपीडी व सामान्य प्रसव चल रहा है पर्याप्त संसाधन व चिकित्सकों के उपलब्धता सुनिश्चित होते ही सिजेरियन डिलिवरी व अन्य सुविधाएं भी बहाल कर दी जायेंगी।
समाजसेवी के सवाल पर कि बिना राष्ट्रीयकृत समाचार-पत्रों में विज्ञप्ति प्रकाशित कराये 44 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति कैसे हुई सीएमएस ने कहा कि सारी प्रक्रिया सीएमओ साहब व डूडा द्वारा अपनाई गई हमें तो सिर्फ चयनित कर्मचारियों की सूची मिली जिसमें से 39 ने काम करना शुरू कर दिया है शेष 5 को आदर्श चुनाव आचार संहिता के चलते अभी कार्यभार नहीं दिया गया है। समाजसेवी ने कहा कि बिना विज्ञप्ति के आउटसोर्सिंग के जरिए चयन बेरोजगार नवयुवकों के साथ धोखा है खेद का विषय है कि इस प्रकरण पर जनप्रतिनिधि भी मौन साधे हुए हैं उन्होंने कहा कि हम शीघ्र आवश्यक सुविधाएं व चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए बेहतर चिकित्सा सुविधा बहाल करने हेतु व पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते बिना हुई नियुक्ति को निरस्त कर पारदर्शी व्यवस्था के तहत नियुक्त की मांग सक्षम अधिकारियों से करेंगे।
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