रुधौली (बस्ती)। रूधौली के खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष एवं प्रधानाध्यापको की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसमें अव्यवस्था को देखते हुए अध्यापकों ने बहिष्कार करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी पर तरह-तरह का आरोप लगाया। उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष शिवरतन समेत अन्य सभी अध्यापकों ने बताया कि कार्यशाला को प्रातः 9:30 पर बुलाकर 11:00 बजे तक कोई बैठने की व्यवस्था नहीं की गई जिससे नाराज होकर कई विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष/ उपाध्यक्ष समय से आने के बावजूद भी वापस चले गए लोगों ने बताया कि पहली बात अव्यवस्था दूसरी बात 12 बजे के बाद आकार खंड शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार ने पहुंचकर लोगों की उपस्थिति लेने और अभद्र भाषा में बात की है जिससे अध्यापकों ने नाराजगी जताई। इसके बाद कार्यालय के सामने विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष उपाध्यक्ष एवं प्रधानाध्यापकों ने जमकर नारेबाजी की जिसमें कहा गया कि बीइओ तेरी तानाशाही नही चलेगी, नही चलेगी, अध्यापकों का शोषण बंद करो बंद करो, महिला अध्यापकों से अभद्रता नही चलेगी, नही चलेगी, आदि नारे बाजी की गई। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष शिव रतन ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी ने पत्राचार के माध्यम से कार्यशाला में 9:30 पर आयोजन करने के बावजूद 11:30 तक अध्यापकों को बैठने तक कई व्यवस्था न किया जाना निंदनीय है। इसके अलावा भी इसके अलावा भी कंपोजिट विद्यालय में ग्रांट योजना के तहत विकास हेतु धन वितरण होता है उसमे भी फाइल पास करने/अन्य बहाने से पैसा लेने का भी आरोप लगाया है।साथ ही साथ यदि किसी मामले को लेकर नोटिस भेजा जाता है तो उसे भी प्रेम पत्र कहकर भी लोगो का मजाक उड़ाते हैं। इसके अलावा विद्यालय में कार्यरत अनुचरों को कार्यालय से अटैच करने व उन्ही से धनउगाही कराने का आरोप लगाया है।
इस मौके पर राम भवन यादव, हरि गोपाल शुक्ल, मंजरी सिंह,निहारिका जायसवाल, आकांक्षा वर्मा, प्रीति ओझा,पुष्पा वर्मा,पूजा चौधरी,कंचनलता, अनुराधा, सोनी सोनवानी, राम प्रसाद गुप्ता, अशोक कुमार, कृष्ण कुमार शर्मा, अरविंद चौधरी, जयप्रकाश, सदानंद, वेद प्रकाश, शैलेंद्र, अशोक, मंजू देवी सहित सैकड़ो अध्यापकगण मौजूद रहे।
जब इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार से वार्ता की गई तो सारे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि जब अध्यापक की उपस्थिति ली गई उसी से उनको नाराजगी हो गई और कंपोजिट ग्रांट से मिलने वाले लाभ को कौन कितना कमीशन दिया वो भी साक्ष्य मागने की बात कही है।
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