- पांच साल से संघर्ष व इंतजार कर रहे थे नियमित कर्मचारी व अधिकारी
- रोडवेज कर्मियों के संगठनों ने जताई खुशी
बस्ती। रोडवेज डिपो के 215 नियमित अधिकारियों व कर्मचारियों को पिछले महीने फरवरी से दस फीसदी मंहगाई भत्ते की सौगात मिल गई है। इससे अधिकारियों व कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। वहीं कर्मचारी संगठनों ने इसे पांच साल के संघर्षों का नतीजा बताते हुए शासन के इस फैसले का स्वागत किया है।
वर्ष 2019 से रोडवेज के नियमित कर्मचारियों व अधिकारियों को मंहगाई भत्ते का लाभ नहीं मिल पाया था। जबकि हर दूसरे साल सरकार दस फीसदी की बढ़ोत्तरी करती रही है। 2021 में जब मंहगाई भत्ते का लाभ मिलने का समय आया तो सरकार ने कोरोना काल का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया था। इसके लिए कर्मचारी संगठनों ने कई बार धरना व प्रदर्शन किया लेकिन नतीजा शून्य रहा। इधर जब नया वित्तीय वर्ष चालू होने का समय आया तो परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक ने 8 फरवरी को शासन की अध्यक्षता में गठित अधिकृत समिति यानी कि एंपावर्ड कमेटी की बैठक में संगठनों के प्रस्ताव को उठाया। जहां इस प्रकरण पर चर्चा कर निगम के नियमित कर्मचारियों व अधिकारियों को दस फीसदी मंहगाई भत्ता देने का निर्णय लिया गया। जिसके तहत शासन के प्रमुख सचिव एल वेंकटेश्वर लू ने परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को निर्देश दिया है कि नियमित कार्मिकों को सातवें वेतनमान के तहत पहली फरवरी 2024 से मूल वेतन का 38 प्रतिशत यानी कि मंहगाई भत्ते में दस फीसदी वृद्धि के दर से भुगतान किया जाए। वहीं परिवहन निगम के वित्त नियंत्रक दिलीप कुमार अग्रवाल ने इसके लिए लिखित आदेश भी जिम्मेदार उच्चाधिकारियों को भेज दिया है।
पेंशनरों को भी मिलेगा लाभ
बस्ती डिपो में कुल 153 नियमित कर्मचारी व अधिकारी तैनात हैं। वहीं यहां के वर्कशाॅप में 49 कर्मचारी भी नियमित हैं। इन 202 कर्मचारियों के अलावा 13 पेंशनर्स भी हैं जो पुरानी पेंशन का लाभ उठा रहे हैं। इस प्रकार जिले में कुल 215 कर्मचारियों को इस बढ़ोत्तरी का लाभ मिलेगा।
अधिकारियों व कर्मचारियों ने जताई प्रसन्नता
डिपो के एआरएम आयुष भटनागर ने बताया कि यह शासन की सराहनीय पहल है। इससे सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को अवगत करा दिया गया है। वहीं रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष कन्हैया सिंह, महामंत्री इंद्रजीत तिवारी, अभिनव श्रीवास्तव, संजय तिवारी, सत्यदेव मिश्रा व राजेश मिश्रा आदि ने इसे संघर्षों का परिणाम बताया है। कहा कि इससे नियमित कर्मचारियों को मंहगाई के दौर में परिवार का खर्च उठाना आसान होगा।
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