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Monday, March 18, 2024

रामभक्ति के बिना प्रभु श्रीकृष्ण की कल्पना असम्भव - पूज्य गरुड़ेश जी महाराज

 गोला (गोरखपुर)।  विकासखंड गगहा क्षेत्र के कौवाडील गांव में चल रहे आयोजित संगीतमयी श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन पूज्य  गरुड़ेश जी महाराज ने भागवत कथा का रसपान कराते हुए कहा कि जीव प्रभु की भक्ति करता है उससे शक्ति मिलती है।जीव यदि पूरी निष्ठा से भक्ति करता है तो बलि बनता है एवं उस पर कृपा करने के लिए भगवान स्वयं वामन के रूप में पधारते है।परमात्मा जब द्वार पर पधारते है तो तीन कदम पृथ्वी अर्थात तन मन धन जीव से मंगाते है।तन से सेवा मन से सुमिरन व धन से सेवा जो जीव करता है वह बलि अर्थात बलवान बनता है।यह शरीर भी अपना नहीं है यदि अपना होता तो कोई इसे छोड़ना नहीं चाहता फिर छोड़ना पड़ता है।जो मेरा-मेरा करता है। उसे भगवान मारते है।जो तेरा तेरा करता है उसे भगवान तारते है।हमें मरना नहीं तरना है।बलि के दान से परमात्मा उसके द्वार पाल बनते है और अक्षुण्ण साम्राज्य प्राप्त करता है।भगवान ने प्रथम पूर्व अवतार मर्यादा पुरषोत्तम प्रभु श्रीराम के रूप में लिया।अहिल्या उद्धार के रहस्य को बताते हुए पूज्य  महाराज जी ने कहा कि पूरी रामकथा में दो ऐसे आश्रम हैं जहा प्रभु को बुलाया नहीं गया अपितु उनके कदम स्वयं पहुंचे। एक अहिल्या दूसरा माँ शबरी।भक्ति में दो चीजों कि आवश्यकता होती है निष्ठा कि स्थिरता एवं इंतजार जो क्रमश: अहिल्या व शबरी में थे।भगवान के केवट को बिना माँगे विमल भक्ति का वरदान दिया। भरत जैसा समर्पण जीवन में होगा तो उसे अक्षुण्ण यश कि प्राप्ति होती है। इस अवसर पर आयोजक राज कपूर शर्मा माता लीलावती देवी , राहुल उर्फ़ नितिन शर्मा शिवाजी नवीन शर्मा जयशंकर शर्मा जनार्दन शर्मा पशु डॉक्टर अवनीश भट्ट आलोक शम्मी कपूर डॉ इंद्रमणि भट्ट ऋतिक नेता साहित चल रहे संगीतमयी श्रीमद भागवत कथा का श्रद्धालु श्रोतागण उपस्थित होकर रसपान किया।

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