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Monday, March 11, 2024

फोरेंसिक लैब को मिले आठ करोड़, 15 करोड़ की गई थी डिमांड

 - 48.33 करोड़ की लागत से शुरू है विधि विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण

- नवंबर से अब तक तीन माह में खर्च हुए पांच करोड़, तीन माह के लिए 15 करोड़ की हुई थी मांग  

- पीडब्ल्यूडी का भवन खंड फरवरी 2025 में निर्मित कर पुलिस विभाग को करेगा हस्तांतरित

- मोबाइल अपराध, खून, अंगुली व मादक पदार्थों समेत अन्य नमूनों की जांच के लिए मंडल में मिलेगी सुविधा


बस्ती। मंडल मुख्यालय पर विधि विज्ञान प्रयोगशाला यानी कि फारेंसिक लैब का निर्माण चार माह पहले नवंबर 2023 से शुरू है। अभी तक तकरीबन पांच करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। वहीं अगले तीन महीने तक काम चालू रखने के लिए तकरीबन 15 करोड़ रुपए खर्च होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। जिसके लिए कार्यदाई संस्था पीडब्ल्यूडी के भवन निर्माण खंड ने 15 करोड़ रुपए का डिमांड जनवरी में ही शासन को भेज दिया था। जिसमें आठ करोड़ रुपए जारी हो चुके हैं। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि लैब का निर्माण कार्य फरवरी 2025 तक पूरा हो जाएगा और मंडल में ही मादक पदार्थों, खून, अंगुली व मोबाइल के जरिए होने वाले अपराधों की जांच कर कम समय में नतीजा निकाला जा सकेगा और इनसे संबंधित लंबित मुकदमों की प्रभावी पैरवी की जा सकेगी।

पूरे प्रदेश में कुल 12 फोरेंसिक लैब संचालित हो रहे हैं। जहां सभी 70 जिलों से आए नमूनों की जांच होती है। इससे रिपोर्ट मिलने में तकरीबन 15 दिन से एक माह तक का समय लग जाता है। रिपोर्ट आने के बाद तब उन नमूनों की जांच को साक्ष्य के रूप में न्यायालय में प्रस्तुत किया जाता है। इसमें सबसे अधिक मादक पदार्थों के नमूनों की जांच में मुश्किलें आती हैं। नतीजतन कोर्ट में पेश करने के लिए पुलिस को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। इधर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुश्किल को आसान करने के लिए मार्च 2023 में प्रदेश के बस्ती, अयोध्या, मिरजापुर, आजमगढ़, बांदा व सहारनपुर समेत छह जिलों में भी फोरेंसिक लैब बनाने का निर्देश दिया था। इसके निर्माण की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी भवन खंड को सौंपी गई है। बस्ती सदर तहसील के शोखापुरवा-छरौछा गांव में निर्मित होने वाले इस लैब पर कुल 48.33 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। जिसमें लैब के अलावा परीक्षण से संबंधित अन्य संसाधनों का भी इंतजाम किया जाएगा।

पांच मंजिला भवन में स्थापित होगा पूरा लैब

पीडब्ल्यूडी भवन खंड के सहायक अभियंता अखिलेश कुमार सिंह व साइट इंजीनियर आरपी चौधरी के अनुसार 2076 वर्ग मीटर भूभाग में पांच मंजिला भवन का निर्माण किया जा रहा है। इसमें भूतल पर पार्किंग होगी और प्रथम तल पर रिकार्ड रूम, साइंटिस्ट रूम, डॉक्यूमेंट रूम, प्रशासनिक भवन, मैनेजमंट व फील्ड यूनिट रूम के साथ ही फिजिक्स व बैलेस्टिक डिवीजन बनाया जाएगा। दूसरे तल पर एनलाइसिस रूम, केस ओपेनिंग, सीविट रीओपेन रूम, मीटिंग हाल, लाइब्रेरी, रिकार्ड रूम, स्टोर रूम व डीडी बायलोजी के रूम बनाए जाएंगे। बताया कि तीसरे तल पर फोटो डिवीजन, डीडी कंप्यूटर व डीडी मेडिकालोजी, डीप रेफ्रिजरेटर व साइंटिस्ट रूम का निर्माण होना है। साथ ही चौथे मंजिल पर कैंटीन, फायरिंग रेंज, डीडी टाक्सानोलॉजी डिवीजन, कमेस्ट्री डिवीजन व रेफ्रिजरेटर रूम स्थापित किया जाएगा।   

जल्द तैयार हो जाएगा फाउंडेशन के ऊपर काम

फोरेंसिक लैब का निर्माण करने वाली कंपनी जीएस एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के परियोजना प्रबंधक सतीश झा ने बताया कि फसल खड़ी होने के कारण मिट्टी पटाई का काम बाधित हो रहा है। जबकि फाउंडेशन का का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। जल्द ही फाउंडेशन से ऊपर काम चालू हो जाएगा।

टीम को दिया गया है समय से कार्य पूरा करने का निर्देश

पीडब्ल्यूडी भवन खंड के अधिशासी अभियंता सत्यपाल ने बताया कि फोरेंसिक लैब के लिए भवन निर्माण का कार्य शुरू है, पहले से जारी धन खर्च हो गया है, दूसरी किश्त के लिए धन की मांग की गई है। जिसमें आठ करोड़ रुपए जारी हो चुके हैं। सहायक अभियंता अखिलेश कुमार सिंह व अवर अभियंता आरपी चौधरी की टीम को फरवरी 2025 तक हर हाल में गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है। 

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