गोला (गोरखपुर)। धुरियापार विधानसभा के पूर्व विधायक और गोला विकास खंड के मन्नीपुर गांव निवासी पूर्व विधायक डॉ अच्युतानंद तिवारी नहीं रहे। उन्होंने गोरखपुर शहर स्थित आवास पर 92 वर्ष की अवस्था में गुरूवार की शाम अंतिम सांस ली। वे काफी दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके निधन की सूचना मिलते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। वे भरापूरा परिवार छोड़ कर चले गए। उनके तीन पुत्र अतुल तिवारी डॉ प्रवीण तिवारी पियूष तिवारी के अलावा दो पुत्रियां पूनम व अनीता देवी हैं। उनकी पत्नी स्व मालती तिवारी का निधन लगभग 15 वर्ष पूर्व हो गया था। उनके निधन पूर्व ब्लाक प्रमुख व प्रबंधक डॉ विजयानंद तिवारी बार काउंसलिंग के पूर्व अध्यक्ष पदमाकरदत्त तिवारी दिवाकर दत्त तिवारी डॉ अनिल तिवारी राकेश तिवारी डॉ अनूप तिवारी डिप्टी प्लानिंग मैनेजर शार्दुल विक्रम तिवारी सत्यव्रत तिवारी एडवोकेट राहुल तिवारी राजेश तिवारी साहिल विक्रम तिवारी सहित आदि लोगों ने दुःख व्यक्त किया है।
पेशे से रहे ख्यातिप्राप्त चिकित्सक
पूर्व विधायक गोला कस्बा स्थित वीएसएवी इंटर कालेज के संस्थापक प्रधानाचार्य स्व पं उमाशंकर तिवारी व माता रामनेवारी देवी के 5 संतानों में मझले भाई थे। उन्होंने वर्ष 1957 केजीएमयू लखनऊ से एमबीबीएस की डिग्री गोल्ड मेडल के साथ हासिल किया था। उसके बाद उन्हें सरकार से इंग्लैंड में पढ़ाई के लिए स्कालरशिप मिली लेकिन उन्होंने अपने पिताजी के कहने पर जिला मुख्यालय से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के कस्बा गोला में ही प्रक्टिस शुरू कर दिया।
1985 में निर्दल बने विधायक
पहले से ही राजनीतिक परिवार का सदस्य होने के कारण वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने निर्दल प्रत्याशी के रूप में ताल ठोका और जीत हासिल किया। उसके बाद वे कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। वे पूर्णत: गांधीवादी थे और सदैव सत्य अहिंसा त्याग और शांति में विश्वास करते थे। वर्ष 1989 के चुवाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े लेकिन पिछली बार के चुनाव से अधिक मत मिलने के बाद भी उन्हें कुछ सौ मतों से हार का मुंह देखना पड़ा। उसके बाद वर्ष 1997-98 के विधानसभा चुनाव में निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और वर्ष 2003 में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप चुनाव लड़ा लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी।
गांव के घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
उनके पुत्रों अतुल तिवारी व शिक्षक नेता डॉ प्रवीण तिवारी ने बताया कि गोरखपुर स्थित आवास पर उनका पार्थिव शरीर दोपहर तक अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। उसके बाद शव यात्रा निकाली जाएगी। जो नौसढ़ कौड़ीराम जानीपुर डाड़ीबाजार ककरही गोला होते हुए पैतृक आवास पर पहुंचेगी। वहां से पुन: गांव में स्थित सरयू नदी के घाट पर विधिविधान से अंतिम संस्कार किया गया।
No comments:
Post a Comment