बस्ती। मंगलवार को अनंता हार्ट एंड कैंसर हॉस्पिटल बड़ेबन पर सी.पी.आर. (कार्डियो पल्मोनरी रेसासीटेशन) पर केन्द्रित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला में “ह्यूमन सेफ लाइफ फाउंडेशन” के राष्ट्रीय अध्यक्ष रंजीत श्रीवास्तव और उनकी टीम ने विषम परिस्थितियों में मानव जीवन को सी.पी.आर. पद्धति के द्वारा किस प्रकार किसी भी व्यक्ति के जीवन को पुनः वापस लाया जा सकता है । यह प्रकिर्या कृतिम मानव डमी पर करके बताया गया। कार्यशाला के प्रशिक्षक रंजीत श्रीवास्तव ने कहा की डूबती हुई जिंदगी में जहाँ ह्रदय व श्वसन क्रिया चाहे बीमारी से अथवा दुर्घटना के समय बंद होने के कगार पर हो तो दोनों क्रियाओ को सी.पी.आर. पद्धति के द्वारा किस प्रकार पुनर्जीवित किया जा सकता है सभी प्रशिक्षुओ से पूरी पुनर्जीवन प्रकिर्या को कृतिम मानव शारीर(डमी) पर अभ्यास करवाया गया प्रशिक्षक ने बताया की पूरी पद्धति तीन बातो पर निर्भर करती है श्वसन नलिका, श्वसन, रक्तसंचार इन्ही तीन बातो का ध्यान रखेंगे तो निश्चय ही सफलता पूर्वक इस विधि को सम्पादित किया जा सकता है।
बस्ती। मंगलवार को अनंता हार्ट एंड कैंसर हॉस्पिटल बड़ेबन पर सी.पी.आर. (कार्डियो पल्मोनरी रेसासीटेशन) पर केन्द्रित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला में “ह्यूमन सेफ लाइफ फाउंडेशन” के राष्ट्रीय अध्यक्ष रंजीत श्रीवास्तव और उनकी टीम ने विषम परिस्थितियों में मानव जीवन को सी.पी.आर. पद्धति के द्वारा किस प्रकार किसी भी व्यक्ति के जीवन को पुनः वापस लाया जा सकता है । यह प्रकिर्या कृतिम मानव डमी पर करके बताया गया। कार्यशाला के प्रशिक्षक रंजीत श्रीवास्तव ने कहा की डूबती हुई जिंदगी में जहाँ ह्रदय व श्वसन क्रिया चाहे बीमारी से अथवा दुर्घटना के समय बंद होने के कगार पर हो तो दोनों क्रियाओ को सी.पी.आर. पद्धति के द्वारा किस प्रकार पुनर्जीवित किया जा सकता है सभी प्रशिक्षुओ से पूरी पुनर्जीवन प्रकिर्या को कृतिम मानव शारीर(डमी) पर अभ्यास करवाया गया प्रशिक्षक ने बताया की पूरी पद्धति तीन बातो पर निर्भर करती है श्वसन नलिका, श्वसन, रक्तसंचार इन्ही तीन बातो का ध्यान रखेंगे तो निश्चय ही सफलता पूर्वक इस विधि को सम्पादित किया जा सकता है।
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