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Wednesday, February 21, 2024

सीसीएल अवकाश स्वीकृत करने में भेदभाव कर रहे हैं जिले के खण्ड शिक्षा अधिकारी

- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरने पर बैठे चन्द्र मणि पाण्डेय

- एक जिले में दो दो रूल शिक्षक हित में है प्रतिकूल - सुदामा 

- शिशु देखभाल अवकाश बना है लूट व भेदभाव जरिया इसे बंद करें सरकार- सुदामा


बस्ती। शून्य से 18 वर्ष पूर्ण होने तक बीमारी या परीक्षा के दौरान बच्चों के देखभाल हेतु अलग अलग या एकसाथ जरूरत के अनुसार देय 730 दिनो के शिशु देखभाल अवकाश स्वीकृत अस्वीकृत करने का खेल युपी में जोरों से चल रहा है जो कर्मचारी अधिकारी की जी हजूरी करें या उसकी मांग पूरी करे उसकी समस्या को जायज मानकर अवकाश स्वीकृत कर दिया जाता है जबकि पूर्ण मनोयोग से काम करने वाले कर्मचारियों को उनकी जरूरत पर भी अवकाश नहीं दिया जाता ऐसी सूचनाएं अक्सर आती रहती हैं इन्हीं विषमताओं को दूर करने अथवा लूट व भेदभाव को बढ़ावा देने वाले शिशु देखभाल अवकाश को समाप्त करने की मांग को लेकर समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बस्ती के कार्यालय के सम्मुख एकल धरने पर बैठे हैं उन्होंने बताया कि उनके दो बच्चे क्रमशः 14 व 16 वर्ष के हैं और दोनों बच्चों को कल से हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा में बैठना है ऐसे में बच्चों की परीक्षा व परीक्षा तैयारी को लेकर उनकी पत्नी ने एक माह पूर्व विभागीय अधिकारियों से अवकाश के संदर्भ में विभागीय अधिकारियों से बात किया तो कहा गया कि परीक्षा नजदीक आने दीजिए परीक्षा नजदीक आई तो बोला गया कि प्रवेश पत्र के साथ आवेदन करें अब जब प्रवेश पत्र आने के बाद अवकाश हेतु आनलाइन आवेदन हुआ तो उसे यह कहकर निरस्त कर दिया गया कि स.अ.का बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लगा है ऐसे में अवकाश नहीं दिया जा सकता उन्होंने सवाल उठाया कि जब जरूरत पर शिक्षकों को जरूरत पर अवकाश नहीं मिलना तो शिशु देखभाल अवकाश का मतलब क्या है क्या ये महज लूट व भेदभाव का जरिया है क्योंकि हमारे ही ब्लाक में अन्य शिक्षिकाओं का अवकाश स्वीकृत किया गया है। चन्द्र मणि पाण्डेय ने कहा सुबह से धरने पर बैठा हूँ लेकिन निरंकुश अधिकारी बाहर आकर मिले तक नहीं।

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