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Wednesday, February 21, 2024

कयासों के गर्भ में पल रहा अंदेशा 9 महीने में आया बाहर नेहा वर्मा ने ली भाजपा की सदस्यता

- खाटी समाजवादी के साथ किये गये धोखे का फल है जिसके जिम्मेदार पूर्व मंत्री रामप्रसाद चौधरी और सदर विधायक महेन्द्र नाथ यादव हैं- सिद्धेश सिन्हा

अरूणेश कुमार श्रीवास्तव


बस्ती। समाजवादी पार्टी से नगर पालिका अध्यक्ष रहीं नेहा वर्मा और उनके पति अंकुर वर्मा ने आज समाजवादी पार्टी पार्टी को वॉय वॉय कह दिया।  नेहा वर्मा और उनके पति अंकुर वर्मा ने आज लखनऊ भाजपा कार्यालय पहुॅचकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्या की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर लिया। हालाकि इस बात का कयास नगरपालिका चुनाव के पहले से ही लगाया जा रहा था कि नेहा वर्मा चुनाव भले ही किसी अन्य दल से जीत जॉय लेकिन चुनाव जीतने के कुछ समय बाद रामनामी गमछा पहन लेंगी। क्योकि राजनीति में किसी भी पार्टी का कार्यकर्ता या नेता हो गमछा, झण्डा, टोपी बदलने में अब वक्त नहीं लगता जहॉ अवसर दिखा उसी के हो लिए। जबकि अंकुर वर्मा के समर्थक इसका कारण नगर पालिका के विकास में आ रही बाधा को बता रहे हैं।

     अभी बीते 11 मई 2023 में नगर पालिका बस्ती का चुनाव हुआ जिसकी गणना 13 मई को हुई जिसमें समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी रहीं नेहा वर्मा ने भाजपा की सीमा खरे को 11 हजार से ज्यादा वोटों के अन्तर से हरा कर बस्ती नगर पालिका की सीट समाजवादी पार्टी की झोली में डाल दी थी। समाजवादी पार्टी इस सीट पर जीत से फूली नहीं समा रही थी। लेकिन उसी समय से कयास लग रहे थे कि यह ज्यादा दिन समाजवादी पार्टी में नहीं रहने वाली हैं और लोगों के मन में पल रहा अंदेशा 9 महीने होते ही कयासों के गर्भ से बाहर आ गया। लोगों के मन में यह कयास ऐसे ही नहीं पनप रहे थे। इसके पीछे की वजह थी। चुनाव के वक्त कभी कांग्रेसी रहे अंकुर वर्मा का समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर टिकट लेना और उस टिकट के मिलने से सपा में पनपा असंतोष जो साफ दिखायी दे रहा था। खाटी समाजवादी रहे सिद्धेश सिन्हा ने पार्टी से त्याग पत्र दे दिया। जबकि इनके पिता भी खाटी समाजवादी रहे। पूरा चुनाव अंकुर वर्मा अपने दम पर लड़ रहे थे। ऐसा इसलिए लिख रहे क्योंकि भारतीय लोकतंत्र में महिला प्रत्यासी केवल मुखौटा बनकर रह जाती हैं असल चुनाव तो उनके पति, देवर आदि लड़ते हैं। उन्हे यदि साथ मिल रहा था तो चौधरीयों के क्षत्रप कहे जाने वाले राम प्रसाद चौधरी का और उसकी वजह भी बतायी जा रही थी कि अंकुर वर्मा को टिकट दिलाने में अहम भूमिका भी इन्ही पूर्व मंत्री रहे राम प्रसाद चौधरी की थी। हालांकि कि राम प्रसाद चौधरी ने कभी नहीं सोचा रहा होगा कि लोकसभा चुनाव से पहले उनकी पार्टी का नगर पालिका अध्यक्ष रामनामी पटटा पहन भाजपा के खेमे में चला जायेगा। नेहा वर्मा के भाजपा ज्वाइन को राम प्रसाद के लिए झटका इस लिए भी कहा जा रहा क्योंकि समाजवादी पार्टी के राट्रीय अध्यक्ष ने राम प्रसाद चौधरी को लोकसभा 61 बस्ती से अपना प्रत्यासी घोषित किया है।
   नेहा वर्मा के भाजपा ज्वाइन करने पर समाजवादी पार्टी के नेता सिद्धेश सिन्हा ने कहा कि यह उनके साथ किए गये धोखे, विश्वासघात का फल है। जिसका परिणाम कुछ महीनों में ही सामने आ गया। आज समाजवादी पार्टी नगर पालिका अध्यक्ष की एक सीट जो भाजपा की झोली में गयी इसके जिम्मेदार पूर्व मंत्री रामप्रसाद चौधरी और बस्ती सदर विधायक महेन्द्र नाथ यादव हैं। यह अपना कौन सा चेहरा अब समाजवादी पार्टी के राट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और नगर पालिका बस्ती को दिखायेंगे। 

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