<!--Can't find substitution for tag [blog.voiceofbasti.page]--> - Voice of basti

Voice of basti

सच्ची और अच्छी खबरें

Breaking

वॉयस ऑफ बस्ती में आपका स्वागत है विज्ञापन देने के लिए सम्पर्क करें 9598462331

Wednesday, January 3, 2024

शिक्षिका सावित्रीबाई फुले को उनकी जयन्ती पर किया गया याद


बस्ती।  बुधवार को देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले को उनकी जयन्ती पर याद किया गया। कबीर साहित्य सेवा संस्थान के अध्यक्ष मो. सामईन फारूकी द्वारा कलेक्टेªट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि भारत में शिक्षा पाना सभी का अधिकार है लेकिन समाज में कई समुदाय इससे लंबे  समय तक दूर रहे हैं. उन्हें शिक्षा का अधिकार पाने  के लिए लंबा लड़ाई लड़नी पड़ी है। खासतौर पर लड़कियों को शिक्षा पाने के लिए अपनों का ही विरोध झेलना पड़ा है।   देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले ने पहले खुद लंबी लडाई लड़कर पढ़ाई की और उसके बाद दूसरी लड़कियों को पढ़ने में मदद की. सावित्री बाई फुले के बिना देश की शिक्षा और समाजिक उत्थान की बात अधूरी है। उनके जीवन संघर्षाे से प्रेरणा लेकर शिक्षा क्षेत्र में योगदान सुनिश्चित करना होगा।
अध्यक्षता करतेे हुये बटुकनाथ शुक्ल ने कहा कि सावित्रीबाई फुले जब लड़कियों को पढ़ाने स्कूल जाती थी तो पुणे में स्त्री शिक्षा के विरोधी उन पर गोबर फेंक देते थे, पत्थर मारते थे. वे हर दिन बैग में एक्स्ट्रा साड़ी लेकर जाती थी और स्कूल पहुंचकर अपनी साड़ी बदल लेती थीं।  सावित्रीबाई ने उस दौर में लड़कियों के लिए स्कूल खोला जब बालिकाओं को पढ़ाना-लिखाना सही नहीं माना जाता था. सावित्रीबाई फुले एक कवियत्री भी थीं. उन्हें मराठी की आदिकवियत्री के रूप में भी जाना जाता है। बालिका शिक्षा के लिये उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा।
जयन्ती पर आयोजित कार्यक्रम में डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ बी.के. मिश्र, पं. चन्द्रबली मिश्र, पेशकार मिश्र, गिरीश मिश्र आदि  ने  कहा कि सावित्रीबाई फुले आज भी प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणादायी हैं। नयी पीढी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिये।मुख्य रूप से  गणेश मौर्य, गिरीश मिश्र, रामलखन मौर्य, नीरज कुमार वर्मा, दीनानाथ यादव, प्रदीप चौधरी, चन्द्रमोहनलाल श्रीवास्तव के साथ ही अनेक लोग उपस्थित रहे।

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages