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Saturday, January 13, 2024

अगले साल भव्य आयोजन के संकल्प के साथ समाप्त हुआ पुस्तक मेला

बस्ती। टाउन क्लब में चल रहा बस्ती पुस्तक मेला शनिवार को अगले साल भव्य आयोजन के संकल्प के साथ समाप्त हो गया। साथ ही मेले में आए प्रकाशकों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीलाल शुक्ल पुरस्कार प्राप्त साहित्यकार अष्ठभुजा शुक्ल नें कहा कि जो लोग किताबें पढ़ते हैंलिखते हैं उनका मस्तिष्क क्रियाशील होता है। और जिनका मस्तिष्क क्रियाशील होता हैउनकी आयु लम्बी होती हैशरीर स्वस्थ रहता है। इसलिए पढ़ना जहां बुद्धिमत्ता प्रदान करता हैवहीं स्वास्थ्य के लिए भी मददगार होता।


युवा विकास समिति द्वारा नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया भारत सरकार के सहयोग से लगाये गए पुस्तक मेले के अंतिम दिन विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी रोशनी श्रीवास्तव, राजमाता आशिमा सिंह, डॉ. वी के. श्रीवास्तव, डॉ .राम शंकर गुप्ता, राघवेन्द्र विक्रम सिंह, प्रमोद पाण्डेय नें भी अपने विचार रखा।

लखनऊ निवासी लेखिका के पुस्तक स्वान्तः सुखाय का हुआ विमोचन

लखनऊ निवासी महिला साहित्यकार डॉ. अर्चना शुक्ला के निबंध संग्रह स्वान्तः सुखाय का हुआ विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। इस मौके पर लेखिका नें अपने पुस्तक के बारे में अतिथियों से सुझाव और विचार भी आमंत्रित किये। इस मौके पर सभी नें अपने विचार व्यक्त किया।

पुस्तक मेले में आयोजित में हुआ सम्मान

मेले के आयोजकों की तरफ से पुस्तक मेले में स्टाल लगाने वाले सभी प्रकाशकों को स्मृति चिन्ह, प्रमाणपत्र और अंगवस्त्र प्रदान किया गया। साथ ही मेले के प्रमुख सहयोगियों को स्मृति चिह्न प्रदान किये। आयोजक बृहस्पति कुमार पाण्डेय नें बताया कि पुस्तक मेले में लगभग 15 लाख रुपये की पुस्तकों की बिक्री हुई। मेले में सभी प्रकाशकों ने मेले के अपने अनुभव और बिक्री को अच्छा बताया। प्रकाशकों ने बताया कि बच्चों के साहित्य के संग अध्यात्मिक पुस्तकें ज्यादा बिकीं। पुस्तक मेले के अंतिम दिन योग प्रशिक्षक रणधीर सिंह जी की अगुआई में कप्तानगंज से आये छोटेछोटे बच्चों नें योग प्रदर्शन कर लोगों का मन मोह लिया।  

सात दिन में बिकी 15 लाख रूपये की पुस्तकें

बस्ती पुस्तक मेला बेहद काफी हद तक सफल रहा और कई स्टालों पर ऐसी कई पुस्तके रहीं जो दूसरे दिन ही शार्ट हो गई। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के स्टाल पर उर्दू हिंदी शब्दकोश, प्राकृतिक चिकित्सा, प्रेमचन्द्र साहित्य, धर्मशास्त्र का इतिहास की सभी प्रतियाँ बिक गई। इसके अलावा गीताप्रेस की रामचरित मानस की प्रतियाँ सबसे ज्यादा बिकी। वैदिक प्रकाशन से सत्यार्थ प्रकाश, विद्यार्थी जीवन रहस्य, और गृहस्थ आश्रम प्रवेशिका की सारी प्रतियाँ बिक गई। राम कृष्ण विवेकानंद प्रकाशन से छात्र जीवन में सफलता, विवेकानंद राष्ट्र को आह्वान, गरुण प्रकाशन की रक्त रंजित भारत, अर्बन नक्सलवाद, भारत अखंडन, नेता जी की सभी प्रतियाँ बिक गई। आगरा से आये निखिल प्रकाशन की घरेलू उपचार, सामान्य ज्ञान की सभी प्रतियाँ बिक गई।

अरविन्द कुमार सिंह की लिखी पुस्तक की गई सबसे ज्यादा पसंद

नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया के स्टाल पर बस्ती निवासी अरविन्द कुमार सिंह की लिखी पुस्तक भारतीय डाक सदियों का सफरनामा की सभी प्रतियाँ पहले ही दिन ख़त्म हो गई। इसके अलावा भीम राव अम्बेडकर , क्रांतिकारी दुर्गा भाभी की सौ से अधिक प्रतियों की बिक्री हुई।

पुस्तक मेले के सफल आयोजन में प्रमुख रूप से पंकज त्रिपाठी, धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय, डॉ. नवीन सिंह, गरुन्ध्वज पाण्डेय, राम मूर्ति मिश्र, अनुराग श्रीवास्तव, डॉ नरेंद्र कुमार त्रिपाठी, डॉ, वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी, संध्या दीक्षित, मयंक श्रीवास्तव, हिना खातून, विशाल पाण्डेय, नीलम मिश्र, माधुरी,  राम कृष्ण लाल, जगमग की भूमिका रही

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