बस्ती। जनपद के परशुरामपुर थाना क्षेत्र में जहां एक व्यापारी के बेटे सुनील मौर्या ने अपने पिता के लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर लिया था और उसको एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया साइट पर अपलोड किया था दिल्ली में आईएएस की तैयारी करने गई युवती फातिमा बेगम को प्रेम प्रसंग दिखाकर अभियुक्ता को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था। युवती मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखती और युवक हिंदू समुदाय का होने से हाई प्रोफाइल हो चुका था।
इस मामले को लेकर मौर्य के परिजनों ने परशुरामपुर थाना में तहरीर देकर युवती व उसके एक अन्य प्रेमी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने संबंधी धारा में मुकदमा पंजीकृत करवाया था। जिसका मुकदमा हाई कोर्ट इलाहाबाद में चल रहा था जिनके अधिवक्ता रमन पाण्डेय अपनी दलील पेश करते हुए अभियुक्ता का जमानत करवाया। अभियुक्ता का यह हाईकोर्ट में दूसरा ज़मानत याचिका था। अभियुक्ता व उसके सहयोगी युवक के खिलाफ आईपीसी की धारा 506 व 306 भारतीय दंड संहिता के तहत मुकदमा पंजीकृत हुआ था। एक प्रावधान है जो आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध से संबंधित है। इसमें कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति द्वारा आत्महत्या के लिए उकसाता है और खुदखुशी की जाती है, तो उकसाने वाले व्यक्ति को आपराधिक रूप से उत्तरदायी ठहराया जाता है। हाई कोर्ट इलाहाबाद के युवा अधिवक्ता रमन पाण्डेय की दलीलों से आज युवती को ज़मानत मिलने व हर संभव मदद कर न्याय दिलाने की चर्चा जोरों पर हैं।
No comments:
Post a Comment