संतकबीरनगर। शिक्षक समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ का प्रतिनिधि मंडल जिला विद्यालय निरीक्षक संदीप चौधरी से मिला। मुलाकात के दौरान मंडलीय मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा कि जिला विद्यालय निरीक्षक आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे है। स्थानांतरण पत्रावलियों के अग्रसारण, चयन वेतनमान, ग्रेच्युटी भुगतान, एरियर भुगतान के नाम पर खुलेआम रिश्वत मांगी जा रही है, जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में रिश्वत देना यदि अनिवार्य हो गया है तो काम के बदले रिश्वत लेने की रेट लिस्ट जारी कर दी जाय जिससे शिक्षक कर्मचारी पत्रावली के साथ रिश्वत का लिफाफा भी जमा कर दें।
श्री द्विवेदी ने कहा कि बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण व छात्र आवंटन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत मिल रही है। शिकायतों को दूर करने के लिए पटल सहायक द्वारा खुलेआम रिश्वत मांगी जा रही है। जिला विद्यालय निरीक्षक शासन सत्ता के दबाव में आकर बेलहर के शिक्षकों का उत्पीड़न कर रहे है। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय को ठिके पर चलाया जा रहा है। प्राइवेट कर्मचारी रखकर कार्यालय का काम कराया जा रहा है।
श्री द्विवेदी ने कहा कि शिक्षको के वेतन से कटौती की गई एनपीएस का 36 लाख 39 हजार 386 रुपए का हिसाब जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा नही दिया जा रहा है। इस संदर्भ में धनराशि की वापसी के लिए शाखा प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक खलीलाबाद को दिनांक 11 जनवरी 2021 को पत्र लिखा गया था, किंतु उक्त धनराशि आज तक वापस नही आई। जीपीएफ का ब्याज का बकाया 35 करोड़ रुपया बस्ती से संतकबीरनगर के कोषागार में वापस नही लाया जा रहा है।
इस दौरान जिलाध्यक्ष महेश राम, गिरिजानंद यादव, विंध्याचल सिंह, विजय यादव, अफजल खान, जय प्रकाश गौतम सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
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