बस्ती। सदभावना ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा महिलाओ व बालिकाओं के खिलाफ होने वाली लैंगिक हिंसा के उन्मूलन के लिए चलाये जा रहे 16 दिवसीय अभियान के समापन अवसर पर आज 11 दिसंबर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस का आयोजन सदर ब्लाक के खदरा गाँव में किया गया। मुख्य अतिथि जिला महिला थान्हाध्यक्ष निधि यादव रही। कार्यक्रम की शुरुवात अतिथियों द्वारा गाँधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं अतिथियों को बैज लगा कर किया गया बैठक को संबोधित करते हुए सदभावना संस्थान के निदेशक डी एस सिंह ने कहा कि जागरूकता से ही मानवाधिकारो का हनन रोका जा सकता है। श्री सिंह ने कहा कि सभ्य समाज के लिए महिला हिंसा एक अभिशाप है इसे रोकने के लिए महिलाओ के साथ पुरुषों केा भी आगे आना होगा। शिक्षा स ेही हिंसा रोका जा सकता हैं। श्री सिंह ने मानवाधिकार पर चर्चा करते हुए कहा कि किसी भी इंसान की जिंदगी म ेंआजादी एवं बराबरी और सम्मान का अधिकार ही मानवाधिकार है। भारतीय संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा भी देती है।
इसी क्रम में बस्ती जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी इकबाल अहमद ने मानवाधिकार, हमारा संविधान, हमारे संवैधानिक मूल्यों और मूलभूत अधिकारों पर विस्तार से चर्चा करते हुए श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओ के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए योजनाओ की पात्रता और दस्तावेज के बारे में बताया।
महिला थान्हाध्यक्ष निधि यादव ने ारेल ूहिंसा अधिनियम 2005 पर चर्चा करते हुए कहा कि अधिनियम 2005 प्रत्येक महिला को संरक्षण प्रदान करता है। महिलाओं के प्रति उनके घर में होने वाले अपराधों से संरक्षण देने के लिए अनेक अधिनियम पारित हुआ जैसे दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961,बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006,हिंद ूविवाह अधिनियम। यह सभी अधिनियम मानव अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है।
कार्यक्रम में सर्वेश कुमार ने कहा कि महिला के अधिकार बिना हर बदलाव अधूरा है महिलाओं को भी पुरुष के बराबर समान अधिकार मिलना चाहिए।
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