बस्ती। गायत्री शक्तिपीठ परिसर में आज हनुमत कथा के द्वितीय दिवस पर अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत बलराम दास जी महाराज का स्वागत गायत्री परिवार ट्रस्ट के संस्थापक ट्रस्टी पंडित रामचंद्र शुक्ल एवं मुख्य परिव्राजक पंडित राम प्रसाद त्रिपाठी ने किया। अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत पूज्य बलराम दास जी महाराज ने दीप प्रज्वलन कर एवं व्यास पीठ का पूजन अर्चन कर कथा का शुभारंभ किया। हनुमत कथा के प्रवर्तक कथा वाचक पूज्य आचार्य मधुर जी महाराज ने महंत बलराम दास को अंग वस्त्र देकर अभिनंदन किया और कहा सौभाग्य है की आज हनुमत कथा में अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत जी का सानिध्य प्राप्त हुआ। मधुर जी महाराज द्वारा भक्त शिरोमणि महावीर हनुमान जी की कथा सुनाई गई। मधुर जी ने अपने संबोधन में हनुमत चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि राष्ट्र का निर्माण, समाज का निर्माण, व्यक्ति का निर्माण जिन आधारों पर किया जाना है वह सभी गुण हनुमान जी के चरित्र में संपूर्ण रूप से विद्यमान है। आज आवश्यकता है कि हनुमान जी के चरित्र को प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में आवश्यक सम्मिलित किया जाए ,राष्ट्र की नीति निर्माताओ से इस कथा के माध्यम से आवाहन किया जा रहा है। एक कुशल सेवक के साथ साथ एक कुशल प्रबंधन बनाने का सामर्थ्य महावीर हनुमान के चरित्र प्रसंगो में है। इस अवसर पर शनि देव मंदिर के संस्थापक पंडित सरोज मिश्रा, वरिष्ठ समाजसेवी जगदीश शुक्ला, अर्जुन उपाध्याय, सिद्धांत मिश्रा, पवन कसौधन, जगदंबिका पांडे,सर्वेश श्रीवास्तव, के के पांडे, अनिल दास जी, आशुतोष दास जी, वरुण श्रीवास्तव एवं भारी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।
बस्ती। गायत्री शक्तिपीठ परिसर में आज हनुमत कथा के द्वितीय दिवस पर अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत बलराम दास जी महाराज का स्वागत गायत्री परिवार ट्रस्ट के संस्थापक ट्रस्टी पंडित रामचंद्र शुक्ल एवं मुख्य परिव्राजक पंडित राम प्रसाद त्रिपाठी ने किया। अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत पूज्य बलराम दास जी महाराज ने दीप प्रज्वलन कर एवं व्यास पीठ का पूजन अर्चन कर कथा का शुभारंभ किया। हनुमत कथा के प्रवर्तक कथा वाचक पूज्य आचार्य मधुर जी महाराज ने महंत बलराम दास को अंग वस्त्र देकर अभिनंदन किया और कहा सौभाग्य है की आज हनुमत कथा में अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत जी का सानिध्य प्राप्त हुआ। मधुर जी महाराज द्वारा भक्त शिरोमणि महावीर हनुमान जी की कथा सुनाई गई। मधुर जी ने अपने संबोधन में हनुमत चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि राष्ट्र का निर्माण, समाज का निर्माण, व्यक्ति का निर्माण जिन आधारों पर किया जाना है वह सभी गुण हनुमान जी के चरित्र में संपूर्ण रूप से विद्यमान है। आज आवश्यकता है कि हनुमान जी के चरित्र को प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में आवश्यक सम्मिलित किया जाए ,राष्ट्र की नीति निर्माताओ से इस कथा के माध्यम से आवाहन किया जा रहा है। एक कुशल सेवक के साथ साथ एक कुशल प्रबंधन बनाने का सामर्थ्य महावीर हनुमान के चरित्र प्रसंगो में है। इस अवसर पर शनि देव मंदिर के संस्थापक पंडित सरोज मिश्रा, वरिष्ठ समाजसेवी जगदीश शुक्ला, अर्जुन उपाध्याय, सिद्धांत मिश्रा, पवन कसौधन, जगदंबिका पांडे,सर्वेश श्रीवास्तव, के के पांडे, अनिल दास जी, आशुतोष दास जी, वरुण श्रीवास्तव एवं भारी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।
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