बस्ती। प्रबंध निदेशक पीसीडीएफ/नोडल अधिकारी आनंद कुमार सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि राजस्व, पुलिस, ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा नगर विकास विभाग संयुक्त अभियान संचालित करके निराश्रित गोवंशीय पशुओं को गौशालाओं में संरक्षित करें। आयुक्त सभागार में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह अभियान संचालित किया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिया है कि प्रत्येक गौशाला में प्रत्येक जानवर की जानकारी एक रजिस्टर में सुरक्षित रखी जाए। गौशाला के निकट चारा की व्यवस्था के लिए भूमि चिन्हित की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि गोवंशीय पशुओं के ठंड से बचाव के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित कर ली जाएं।
उन्होंने निर्देश दिया है कि कंट्रोल रूम में लैंडलाइन नंबर वाला फोन स्थापित किया जाए तथा इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जाए। निराश्रित पशुओं को पकड़ने के लिए हॉटस्पॉट चिन्हित किया जाए, नेशनल हाईवे एवं बाजारों में घूमने वाले पशुओं को चिन्हित करके पकड़ा जाए तथा उन्हें निकट के गोआश्रय स्थल में रखा जाए। उन्होंने कहा कि पूरे मंडल में 4900 पशुओं को पकड़ने का लक्ष्य है, जिसे 31 दिसंबर तक पूरा किया जाना है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस अभियान के संबंध में समय-समय पर जनप्रतिनिधियों को भी सूचित किया जाए। दुधारू पशुओं को गोपालकों के संरक्षण में देने की मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत उन्हें संरक्षण में दिया जाए तथा प्रति जानवर रू0 50 की धनराशि भी पालन पोषण के लिए समय से उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि गोशालाओं के केयरटेकर का मानदेय समय से भुगतान किया जाए। गौशालाओं के संचालन के लिए सभी गांव से धनराशि एकत्रित करने की कार्रवाई की जाए ताकि किसी प्रकार की दिक्कत ना आए।
बस्ती मंडल में कुल 168 अस्थाई गोआश्रय स्थल हैं, जिसमें 18797 पशु संरक्षित हैं। कुल 16 कान्हा गौशाला है, जिसमें 2528 पशु संरक्षित हैं। कुल 10 कांजी हाउस, जिसमें कुल 899 पशु संरक्षित हैं। इनके भरण-पोषण के लिए कुल 3409 लाख रुपया व्यय किया गया है। इसके अलावा कुल 12 पंजीकृत गौशालाएं हैं, जिसमें 2664 पशु संरक्षित हैं। गोपालकों के सुपुर्दगी में 4796 पशु दिए गए हैं। उसके अंतर्गत भरण- पोषण के लिए गोपालकों को रुपया 217 लाख भुगतान किया गया है।
उन्होंने कहा कि पशुओं को पकड़े जाने के बाद उन्हें सुरक्षित रखने के लिए आवश्यकता पड़ने पर अस्थाई गौशाला तैयार कर ली जाए। गौशालाओं में ताजा पानी की व्यवस्था की जाए, सोलर पैनल अनिवार्य रूप से छत पर लगवाया जाए तथा विद्युत कनेक्शन भी करवाया जाए,। उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सक नियमित रूप से गौशालाओं में संरक्षित पशुओं की इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करें तथा इसका एक रजिस्टर भी मेनटेन करें। बरसीम, नैपियर घास एवं चरी की व्यवस्था सुनिश्चित करायें। यदि कोई पशु की मृत्यु होती है, तो उसके शव का समय से निस्तारण सुनिश्चित कराएं। बैठक में मंडलायुक्त अखिलेश सिंह, जिलाधिकारी अंद्रा वामसी, जेडीसी पीके शुक्ला, सीडीओ जयदेव सीएस, जयेंद्र कुमार, संत कुमार, अपर निदेशक पशुपालन डॉ. साठे, तीनों जिलों के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, बस्ती के खंड विकास अधिकारीगण, नगरपालिका/नगरपंचायत के अधिशासी अधिकारी तथा पशु चिकित्सा अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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