<!--Can't find substitution for tag [blog.voiceofbasti.page]--> - Voice of basti

Voice of basti

सच्ची और अच्छी खबरें

Breaking

वॉयस ऑफ बस्ती में आपका स्वागत है विज्ञापन देने के लिए सम्पर्क करें 9598462331

Monday, November 6, 2023

जिंदगी कैसी पहेली है


जिंदगी एक अबूझ पहेली है
सुख दुःख की रंगोली है,
अनगिनत रंग दिखाती जीवन में
कभी सबसे अच्छी सहेली है।
तो कभी दुःख दर्द की अनगढ़ पहेली लगती है,
जिंदगी को पढ़ना आसान नहीं है
जिंदगी को गढ़ना कोई खेल नहीं है।
जिंदगी कदम कदम पर अपने रंग दिखाती है
आपके धौंस में कभी नहीं आती है
जिंदगी अपने ही ढर्रे पर चलती है,
हमें हर समय आइना दिखाती।
जिंदगी अपनी चाल ही चलती है
न डरती, न ठिठकती, न घबराती है,
न ही वो आपकी फ़िक्र में पथ छोड़ती है।
आप चाहे जितना जतन करो
जिंदगी की पहेली हल नहीं होती है,
जिंदगी कैसी नहीं ऐसी पहेली है,
जो कभी हल नहीं होने देती है।
समझ सको तो समझ लो
या फिर जिंदगी की पहेली में उलझे रहो
पर ज्यादा उठा पटक मत करो।
क्योंकि लाख कोशिशें कर लो
कभी जान नहीं पाओगे,
जिंदगी की पहेली में उलझे रह जाओगे
कैसे कैसे होंगे खेल इस जिंदगी के
कौन कौन से खेल कब खेलेगी जिंदगी
भला कौन जान पाया है इसे,
बस जिंदगी की यही पहेली है,
खुश रहो या रोते ही रहो
या जिंदगी कैसी पहेली है
इसी में उलझे रहकर जिंदगी से जंग करते रहो
और साथ ही ये भी सोचते रहो
कि जिंदगी कैसी पहेली है?
सुख की सहेली है या दुखों की रंगीन होली है। 

सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा(उ.प्र.)
मौलिक स्वरचित

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages