बस्ती। निराश्रित गोवंश को गोशालाओं में संरक्षित किए जोने के दो माह के अभियान की धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी अंद्रा वामसी ने असंतोष व्यक्त किया है। कलेक्टेªट सभागार में आयोजित समीक्षा में उन्होने पाया कि 2500 लक्ष्य के सापेक्ष 15 नवम्बर तक 465 पशु पकड़े गये है। यह अभियान 31 दिसम्बर तक संचालित होना है। जिलाधिकारी ने कहा कि बस्ती नगर पालिका में शहर की दोनों प्रमुख सड़को गॉधीनगर तथा मालवीय रोड पर काफी पशु दिखाई देते है। उन्होने रात में अभियान संचालित कर इन्हें गोआश्रय स्थलों में संरक्षित करने का निर्देश दिया है।
इस अभियान में शिथिलता पाये जाने पर उन्होने मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, बस्ती सदर एवं कुदरहा के खण्ड विकास अधिकारी तथा पशुचिकित्साधिकारी का वेतन रोकने तथा बीडीओ कुदरहा को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया है। उन्होने कहा कि हर्रैया, रूधौली, मुण्डेरवा, गौर, नगर बाजार, कप्तानगंज आदि सड़को पर अब जानवर नही दिखते है परन्तु शहर के दोनों प्रमुख सड़को पर तथा रामजानकी मार्ग पर अभी भी पशु दिखाई दे रहे है।
उन्होने कहा कि वर्तमान समय में निराश्रित गोवंशीय पशुओं को गोशालाओं में संरक्षित करने का सर्वाेच्च प्राथमिकता का कार्यक्रम है। शासन स्तर से इसकी नियमित समीक्षा की जा रही है। उन्होने छुट्टा घूम रहे पालतू गोवंशीय पशुओं को पकड़कर गोशाला या कान्हा गोशाला में संरक्षित करने का निर्देश दिया है। उन्होने इसके लिए पशुपालको से जुर्माना वसूल करने का भी निर्देश दिया है।
बैठक में एडीएम कमलेश चन्द्र, सीएमओ डा. रामशंकर दुबे, एएसपी दीपेन्द्रनाथ चौधरी, पीडी राजेश कुमार झा, डीडीओं संजय शर्मा, उप जिलाधिकारी गुलाब चन्द्र, शत्रुघन पाठक, आशुतोष तिवारी, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा. अमर सिंह, संबंधित विभागीय अधिकारीगण एवं खण्ड विकास अधिकारीगण उपस्थित रहें।
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