<!--Can't find substitution for tag [blog.voiceofbasti.page]--> - Voice of basti

Voice of basti

सच्ची और अच्छी खबरें

Breaking

वॉयस ऑफ बस्ती में आपका स्वागत है विज्ञापन देने के लिए सम्पर्क करें 9598462331

Tuesday, November 7, 2023

दो चार दिनों से

दो चार दिनों से


जिंदगी से जंग है 

नाक,कान,गला

सब कुछ बेरंग है।।

आँखों की जगह नाक से

मरासिम की बूंदें

कभी एक साथ कभी

झटके से निकले।।

जिंदगी भी घुट रही

हड्डियां भी टुट रही

लिखाई, पढाई सभी

 कुछ बंद है

समय की गति भी

कुछ मंद है।।

सर की फटफटी से

खामोशी में खलल है

बाहर के संगीत की धुन

अंदर के ताल से बेदखल है।।

कभी छींक की बुदबुदाहट

कभी कान से सरसराहट

कभी बिन कहे गूंजती

कदमों की आहट।।

इन जिद्दोजहद की जिद्द

मेरी हौसले की जिद्द

में चल रही लडाई हैं

सोचती हूँ यह सब जला दूँ

अरमानों की कढाई में।।

बारंबार यह मेरे कार्य में

बने न बाधा

बहुत दूर का सफर है और

समय बचा न ज्यादा।।

ईश्वर तुमसे इन सभी से

रिहाई नहीं मांगती

हौसले और हिम्मत की

दवा मैं हूँ चाहती।।

बन जाओं जज़्बा मेरा

यह बाढ बहा न ले जाएं

समस्याओं की आंधी मुझे

एक इंच भी हिला न पाएं।।

जगदीश कौर

प्रयागराज

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages