शिव भक्तो का सावन माह होता है सदा बहुत बड़ा त्योहार है।।
सावन में चारो ओर हर हर महादेव का जयघोष,जयकार है।
कोरोना महामारी से बच सब सकुशल है,ये शिव का चमत्कार है।।
शिव सिर्फ उपासना,आराधना रुद्राभिषेक व मात्र पूजा ही नही है।
शिव जीवन की डोर,सांस पालन हार और धरा के आधार है।।
विज्ञान के मूल में भी शिव का ज्ञान ही सर्व आधार बन साकार है।
शिव के बिना ये माया मोह वैभव,व ज्ञान,का समझ बेकार है।।
पिंड से ब्राह्मण तक व निराकार ब्रह्मांड से साकार पिंड तक।
शिव पिंड ही जीवन का एक मात्र उम्मीद और आकार है।।
शिव की शक्ति,शिव के भक्ति से जिसका नही साक्षात्कार है।
खुद को भ्रम में रखने वाला हर इंसान बिल्कुल निरधार है।।
शिव सृजन का आधार,संस्कृति और बकला का उद्धार है।
प्रकृति के रचनाकार,शिव ही सृष्टि के महान कलाकार है।।
हम सभी कवियों की कला में आता जो गुण और निखार है।
सच वो मेरे भोलेनाथ बाबा के आशीर्वादों का चमत्कार है।।
मृत्यु लोक पर मानव के जीवन पर शिव की कृपा अपार है।
जिस पर शिव की कृपा है उसके जीवन में नित्य चमत्कार है।।
अणु से परमाणु ,महकाया से विषाणु तक शिव ही गुलजार है।
संध्या से प्रभा तक,क्लांति से आभा तक शिव का संसार है।।
सती की आह,गंगा का प्रवाह को, शिव ने ही धरा पर उतारा है।
बिल्वपत्र से पलाश तक धरती से कैलाश तक शिव ने सवांरा है।।
विष है,सुधा है,तृप्ति है,क्षुधा है,आग्रह है,अबीर है सुख है,पीर है।
कुछ अंत है,कहीं अनंत है पर कण कण में ही शिव का संसार है।।
कुन्दन वर्मा "पूरब"
No comments:
Post a Comment