बस्ती। नवीनतम वैज्ञानिक तकनीको के उपयोग से प्राकृतिक संसाधनों का आकलन, अनुश्रवण, विकास एवं प्रबंधन किया जाय। इसी उद्देश्य से उ0प्र0 शासन द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेण्टर की स्थापना लखनऊ में की गयी है। उक्त जानकारी मुख्य विकास अधिकारी जयदेव सीएस ने दी। वे कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने बताया कि रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेण्टर में एनआरआईएस परियोजना में रिमोट संेसिंग एवं जीआईएस तकनीक का उपयोग करके जनपदवार तैयार किए गये डिजिटल डाटावेस का संकलन किया जाता है।
रिमोट सेंसिंग तकनीकी के बारे में विशेष जानकारी देते हुए परियोजना के वैज्ञानिक डा. जय कुमार मिश्र ने कहा कि इस तकनीक का उप योग कृषि, राजस्व, भू-संचय, जल-संचय, प्राकृतिक आपदा, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, सिंचाई, जलनिगम, नलकूप, सडक, वन विभाग आदि में किया जाता है तथा भूअन पोर्टल पर भी जाकर इस संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। सिस्टम के अन्तर्गत पीएम गतिशक्ति का पोर्टल लांच किया गया है। जनपदवार इसके नोडल बनाये जायेंगे। इसके माध्यम से आटो मैपिंगबेस डेटा कलेक्शन का कार्य पूर्ण किया जायेंगा। उन्होने कहा कि इसके अलावा लिडार तकनीक भी विकसित की गयी है। नेशनल सेण्टर आफ जीओ इन्फार्मेटिक्स (एनसीओजी) वेबपोर्टल के माध्यम से भी विभिन्न विभागों के डाटाबेस के बारे में जानकारी संग्रह की जा सकेंगी।
जागरूकता कार्यशाला में उपायुक्त मनरेगा संजय शर्मा, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई राकेश कुमार गौतम, नलकूप के संतलाल, विद्युत के एम.के. मिश्र, ज्ञान प्रकाश, भूमि संरक्षण अधिकारी राजमंगल वर्मा, पर्यटन अधिकारी विकास नारायण, सहायक अर्थ एवं संख्याधिकारी विनोद कुमार, रणजीत कुमार, कार्यकारी अधिकारी मत्स्य संदीप कुमार तथा खण्ड विकास अधिकारी गण तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित रहें।
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